Follow Us:

घुटनों की सर्जरी से क्यों डरते हैं लोग? हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. पीवी कैले ने दी महत्त्वपूर्ण जानकारी

|

घुटनों के दर्द से पीड़ित ज्यादातर मरीज डर एवं गलत जानकारी की वजह से घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी से परहेज करते हैं। चाहे वे ताउम्र घुटनों के दर्द से जुझते रहें या शेष जीवन बिस्तर पर बीता दें। सर्जरी के डर से अधिकांश मरीज सर्जरी में देरी करते हैं। घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी में देरी से संबंधित जोखिमों में अकसर जोड़ का बिगड़ना, बढ़े हुए दर्द और गतिशीलता की कमी शामिल होती है। रोग की गंभीरता के आधार पर, एक सर्जन सबसे पहले गैर-सर्जिकल तरीकों का प्रयास करता है। यदि इन तरीकों में से कोई भी काम नहीं करता या रोगी जोड़ों के दर्द के कारण चल न पाता हो, तो एक सर्जन घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी की सलाह देता है।

जब घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी में देरी होती है, तो कई जोखिम भी होते हैं जो सर्जिकल प्रक्रिया के संबंध में उत्पन्न होते हैं। उदाहरण के लिए जब कोई मरीज चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हो चुका हो। ऐसी स्थिति में पहुंचने के लिए मरीज का डर एवं घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी के बारे में उसकी गलत जानकारी की एक वजह रहती है। अगर मरीज सही समय पर घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी करवा लेता है, तो उसकी रिकवरी बहुत ही कम समय में होती है और वह पहले जैसा महसूस करता है।

घुटने के प्रतिस्थापन की सर्जरी हर किसी के लिए अनुशंसित नहीं है और हम सुझाव देते हैं कि आप अपने डॉक्टर से मिलें और पता करें कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या है। लेकिन अगर आप घुटने के रिप्लेसमेंट सर्जरी की स्थिति में पहुंच गए हैं, तो इस सही समय को गंवाए न, क्योंकि आगे चलकर यह समस्या सिर्फ और सिर्फ बढ़ने वाली ही होती है।

इसी विषय पर परामर्श के लिए डॉ. पीवी कैले फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में स्पैशल ओपीडी में अपनी विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करेंगे। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की यह स्पैशल ओपीडी 15 फरवरी को आयोजित की जा रही है।