Categories: ओपिनियन

इतिहास दोहरा सकते हैं आशीष सिंकटा, 1983 में गंगूराम मुसाफिर भी ऐसे ही बने थे नेता

<p>बीजेपी में उम्मीदवारों की घोषणा क्या हुई प्रदेश बीजेपी में समीकरण ही बदल गए। एक तरफ जहां आशीष सिंकटा ने बगावत कर निर्दलीय अपना नामांकन भरा। वहीं, दूसरी तरफ धर्मशाला में भी विशाल नेहरिया को टिकट मिलने से खासी नाराजगी बीजेपी के खेमें&nbsp; के भीतर निकल कर सामने आ रही है।</p>

<p>आशीष सिंकटा की बात करें तो लंबे समय से विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े रहें और उनका जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। टिकट की दौड़ में भी बड़ा समर्थन उनको पार्टी और नेताओं को रहा है। यही कारण है कि वह सुरेश कश्यप के सभी उम्मीदवारों पर भारी पड़ते पर उपचुनाव है तो माना जा रहा है कि निर्णायक भूमिका मुख्यमंत्री की ही रहती है और मुख्यमंत्री की तरफ से रीना&nbsp; कश्यप को उम्मीदवार के रूप में भेजा गया और हाईकमान ने उनके नाम पर मोहर लगा दी।</p>

<p>अब सिंकटा ने पार्टी में बगावत कर दी है लेकिन अब देखना यह है कि ये बगावत नामांकन तक ही सीमित रहेगी या फिर पार्टी के भीतर भारी दबाव के बाद सिंकटा&nbsp; अपना नामांकन वापस ले लेंगे। आशीष सिंकटा ने अपना नामांकन भर दिया है। जिससे पश्चात गंगूराम मुसाफिर की राह काफी हद तक आसान भी हो सकती हैं और जहां तक बीजेपी की बात है तो सांसद सुरेश कश्यप की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। क्योंकि उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी। ऐसे में उनके समर्थक किस तरह से मतदान करेंगे यह महत्वपूर्ण है।</p>

<p>फिलहाल देखना यह है कि आशीष सिंकटा मैदान में टिके रहते हैं या फिर सरकार के दबाव के चलते अपना नामांकन वापस ले लेते हैं।&nbsp; लेकिन इतना तय है कि 1983 में जब विधानसभा के चुनाव हुए थे उस समय भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी और उसी के बाद गंगूराम मुसाफिर एक बड़े नेता के रूप में स्थापित हुए। इसके बाद उन्होंने लगातार सात बार वहां से चुनाव जीते। अगर आशीष चुनाव में डटे रहते हैं तो वह भी कहीं गंगूराम की तरह ही एक बड़ा विकल्प बनकर तो नहीं उतरेंगे एक बड़ा सवाल है।</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

PCC के गठन की कवायद तेज, पर्यवेक्षक नियुक्‍त, देंगे फीडबेक

AICC observers in Himachal Pradesh: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस…

5 hours ago

कांगड़ा जिला को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए राज्य में मिला पहला स्थान

Kangra District disaster management: हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कांगड़ा जिला को स्वयंसेवियों के…

8 hours ago

सांगला-छितकुल सड़क को नया जीवन देगा बीआरओ

Karcham-Sangla-Chitkul Road: जनजातीय जिला किन्नौर में चीन सीमा से सटी और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण…

9 hours ago

रोट में खोट और राशन, बकरा घोटालों के बाद बाबा बालक नाथ न्यास में नए ट्रस्टियों की एंट्री

  Baba Balak Nath Temple Trust: पहले राशन घोटाला फिर बकरा निलामी पर किरकिरी और…

10 hours ago

हमीरपुर में माकपा का प्रदर्शन, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर हल्‍ला बोल

CPI(M) protest in Hamirpur: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने हमीरपुर में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, बिजली,…

10 hours ago

हाटी जनजाति दर्जे का मामला: हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को होगी सुनवाई

Hati community tribal status: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा देने के…

10 hours ago