<p>हिमाचल में राजनितिक गर्माहट अब शांत हो चुकी है। अब आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी की क्या रणनीति रहेगी इस पर काम शुरू हो चुका है। वहीं, हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की हार के बाद यहां के राजनीतिक समीकरण बदले से नजर आ रहे हैं। जिससे ये स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि अब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से अनुराग ठाकुर की राह आसान नहीं रही है।</p>
<p>सांसद अनुराग ठाकुर के लिए सबसे बड़ी चिंता उनके पिता प्रेम कुमार धूमल, बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सत्ती और बीजेपी प्रभारी रणधीर शर्मा की हार है। ये तीन वो नाम हैं जिनका अलग अलग जिलों से नाता है और ये सब अपने-अपने तरीके से चुनाव मैनेज करने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार ये तिकड़ी चुनाव हार चुकी है। इसलिए संसदीय क्षेत्र हमीरपुर के समीकरण भी बदल चुके हैं। अब राहत सिर्फ इतनी है की विक्रम ठाकुर आउटर विरेंद्र कंवर मंत्रिमंडल में हैं और महेंद्र सिंह भी धर्मपुर से अनुराग को बड़ी बढ़त देते रहें हैं और वह भी अब सरकार में बड़े मंत्री के पद पर हैं।</p>
<p>इस तरह से अब राजनीति यहां पर बदली नज़र आने वाली है और बिलासपुर से नड्डा की भूमिका और उनके निर्णय भी अनुराग के भविष्य पर असर डाल सकते हैं। ऐसा इस लिए कहा जा सकता है क्योंकि अब हिमाचल में मौजूदा सरकार में सबसे अधिक प्रभाव उनका ही दिखाई देगा और वो अभी से ही दिखना शुरू हो गया है।</p>
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