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सदन में गूंजा 69 राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्दा, डीपीआर के लिए 270 करोड़ स्वीकृत

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश में स्वीकृत 69 राष्ट्रीय राजमार्गों को लेकर विधानसभा के भीतर सत्ता और विपक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिली। बजट सत्र के प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री, नादौन के कांग्रेसी विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू और ऊना के विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने राष्ट्रीय उच्च मार्गों को लेकर मुख्यमंत्री पर सवालों के बौछार कर दिए।

इन लोगों ने पूछा कि पिछले 3 सालों में प्रदेश में कितने नेशनल हाईवेज स्वीकृत किए गए। इन मार्गों के निर्माण पर कितनी धनराशि खर्च हुई? राजमार्गों की डीपीआर कब तक तैयार होगी? क्या इनके निर्माण की कोई डेडलाइन तय है? 

इन सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सधे हुए अंदाज में जवाब दिया और राजमार्गों के निर्माण में हो रही लेट-लतीफी के लिए पूर्व की सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। जयराम ठाकुर ने बताया कि पिछले तीन सालों में प्रदेश को 3 राष्ट्रीय राजमार्ग और सैद्धान्तिक रूप से 69 राष्ट्रीय राजमार्ग केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए। सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत राष्ट्रीय राजमार्गों की डीपीआर बनने के बाद ही निर्माण के काम खर्च होने वाली धनराशि तय की जाएगी। इन राजमार्गों की डीपीआर के लिए 270.00 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि डीपीआर बनाने के बाद 8 महीने की अवधि में अवार्ड की सीमा निर्धारित की गई है। जो तीन राष्ट्रीय राजमार्ग स्वीकार किए गए हैं उनकी लम्बाई 167.30 किलोमीटर है। जबकि सैद्धान्तिक तौर से स्वीकृत एनएच की लंबाई  4210.00 किलोमीटर है।

'पूर्व सरकार ने डेढ़ साल में सिर्फ 8 एनएच के डीपीआर किए तैयार'

मुख्यमंत्री के पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीजेपी ने चुनावों से पहले आनन-फानन में 69 एनएच घोषित करवा दिए गए। लेकिन इस पर काम कुछ भी नहीं हुआ है।

जबाव में मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव से पहले नहीं बल्कि डेढ़ वर्ष पूर्व इन एनएच की घोषणा केन्द्रीय मंत्री ने की। लेकिन डेढ़ वर्ष में सरकार ने डीपीआर सिर्फ 8 एनएच की ही तैयार हुई। अब डीपीआर जल्द तैयार की जाएगी। अब सरकार ने 31 मार्च तक टेंडर प्रोसेस पूरा करने का लक्ष्य है। अभी तक 51 एनएच के टेंडर प्रोसेस को पूरा कर दिया गया है। इसके बाद जल्द ही धरातल पर काम शुरू कर लिया जाएगा। पांच सालों में सड़कें कागज़ों पर नहीं बल्कि जमीन पर बनेगी।

अग्निहोत्री ने आगे पूछा कि 65000 करोड़ की अनुमानित लागत एनएच के लिए केंद्र ने की है। इसमें से कितना पैसा मिला सरकार बताए। क्या इस पर चुनाव से पहले राजनीति की। मुख्यमंत्री ने इस पर बताया कि ये सैद्धान्तिक घोषणा है। डीपीआर के बाद पैसा मिलेगा।