हिमाचल प्रदेश में विधानसभा का चुनाव जैसे जैसे नज़दीक आने लगे हैं, वैसे ही सियासी गलियारों में राजनीतिक दलों की हलचल भी तेज होने लगी है। एक ओर बीजेपी ने वीरभद्र सरकार के खिलाफ पहले से ही मोर्चा खोल रखा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं की अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रहीं है। सदन के अंदर जहां विपक्ष सरकार पर हावी रहा तो दूसरी ओर सदन के बाहर भी विपक्ष ने सरकार को बुरी तरह घेरना शुरू कर दिया है।
यानी कि बीजेपी विधानसभा के चुनावी प्रचार में हमलावर तेवरों के साथ कूद पड़ी हैं। जिसके चलते कांग्रेस के मिशन रिपीट पर जहां संकट के बादल छाए हुए नज़र आ रहे है तो दूसरी तरफ बीजेपी का युद्ध स्तर का चुनाव प्रचार अभियान उन्हें सत्ता के करीब लाता दिख रहा है। यदि कांग्रेस का आपसी झगड़ा समय रहते नही सुलझा तो प्रदेश में सरकार के बदलाब के राजनीतिक इतिहास को इस बार भी बदलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा।
वहीं, विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने सीधा कह दिया है कि बीजेपी भ्रष्टाचार, प्रदेश में फैले विभिन्न माफिया , महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मुद्दों को उठाती रही है। इन मुद्दों को प्रदेश की जनता तक ले जाने के लिए संपर्क अभियान ओर अधिक तेज किया जाएगा, ताकि प्रदेश की जनविरोधी सरकार को उखाड़ फैंका जा सके।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का कहना है कि चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारियां पूरी है। यहीं नहीं प्रदेश की जनता भी कांग्रेस के साथ है और जनता का बहुमत भी सरकार के साथ है, जिसके चलते कांग्रेस की सरकार फिर से सत्ता में वापसी करेगी।