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BJP ने किया सेना का सम्मान, कांग्रेस ने मारा जवानों का हक: अनुराग

नवनीत बत्ता |

सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा की बीजेपी ने सत्ता में रहते हुए सैनिकों को उनका हक और मान सम्मान बढ़ाया है। सैनिक हमारी आन बान और शान हैं। इसलिए उनके मान-सम्मान का की चिंता करना हमारी ज़िम्मेदारी है। मगर पूर्व की कांग्रेस सरकार ने सैनिकों को सम्मानित करना तो दूर अपमानित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। देश में सबसे ज्यादा दिनों तक कांग्रेस ने ही शासन किया, लेकिन कभी देश की सेना को आत्मनिर्भर बनाने के बारे में कोई नीति नहीं बनाई। लड़ाकू विमान से लेकर हथियार बनाने तक या फिर हेलमेट से लेकर वर्दी तक के लिए हमारी सेना दूसरे देशों पर निर्भर रही जिसकी ख़रीद में भी कांग्रेस का ढुलमुल रवैया रहा। दिन-रात देश की रक्षा में जुटे रहने वाले हमारे जवानों को अपनी सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट के लिए दस सालों तक तरसना पड़ा। लेकिन मोदी सरकार ने आते ही 1 लाख 85 हज़ार बुलेट प्रूफ जैकेट ख़रीद कर सेना को दे दिया। आज मोदी सरकार जल,थल,नभ में सेना को अत्याधुनिक बनाने के लिए कई बड़े रक्षा सौदों की मंज़ूरी दी है।

अनुराग ठाकुर ने कहा की मोदी की सरकार में देश के सैनिकों को जो तोहफे मिले, उसने सैनिकों और उनके परिवारों को न सिर्फ नौकरी में रहते हुए सुरक्षित किया, बल्कि नौकरी के बाद भी उनकी माली हालत को बेहतर बना दिया है। राशन से लेकर इन्श्योरेंस और मेडिकल तक की सुविधा में पिछले 5 साल में ऐसा गुणात्मक सुधार हुआ है कि सेना से जुड़े हर जवान और उस पर आश्रित हर इंसान को इसका फायदा हुआ है। पूर्वसैनिकों की सालों से लम्बित मांग वन रैंक वन पेंशन को मोदी सरकार ने मंजूर करके 4 किश्तों में पूरे पैसे देश के जवानों तक पहुंचा दिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय नेता सेना के शौर्य और स्वाभिमान से खिलवाड़ करने से बाज़ नहीं आते। जहां एक तरफ़ इनके राष्ट्रीय नेताओं ने सेना प्रमुख को गली का गुंडा कहते हैं, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल खड़े करते हैं तो दूसरी तरफ़ कांग्रेस प्रत्याशी विधानसभा में एक ईंट शहीद के नाम जैसे कार्यक्रम पर प्रश्न खड़ा करते हैं। जनता के पैसे से बनने वाले शहीद स्मारक में भ्रष्टाचार होने की बात कहते हैं। अटल सरकार में संसद में कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने की परम्परा को 2004 में जैसे ही कांग्रेस के पास सत्ता आई तो सोनिया गांधी के आदेश से संसद में कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम पर ही बैन लगा दिया गया।