जिला मंडी के सराज विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने अपनी हुकूमत दिखाते हुए तहसीलदार की कुर्सी पर बैठ गए। विधायक के इस कारनामें से यह बात चर्चाओं का विषय बनती जा रही है और सोशल मीडिया पर इसे शेयर किया जा रहा है।
दरअसल, वाक्या कुछ यूं हुआ कि थुनाग में मंदिर को लेकर एक मीटिंग रखी गई थी। इस मीटिंग में विधायक सलाहकार थे, जबकि एसडीएम अध्यक्ष थे। बैठक थुनाग तहसीलदार के ऑफिस में हुई और इस दौरान विधायक तहसीलदार की कु्र्सी पर बैठ गए। हद तो तब हो गई जब विधायक ने बाकी अधिकारियों को कुर्सियों पर बैठाकर एसडीएम को खड़ा करके ब्यौरा लिया। इसी बीच जब कुछ मीडिया कर्मी वहां पहुंचे तो तो एसडीएम को बैठने का इशारा कर दिया गया।
हालांकि, मीडिया कर्मियों को देखने के बाद विधायक अपनी कुर्सी से नहीं उठे। लेकिन, यह तो अधिकारियों और राजनीति का कानून ही बता सकता है कि क्या एक नेता किसी अधिकारी की कु्र्सी पर बैठ सकते हैं या नहीं…? क्योंकि एक अधिकारी रिटायर होकर नेता बन सकता है, लेकिन एक नेता रिटायर होकर अधिकारी नहीं बन सकता है।
यही नहीं, बीजेपी विधायक ने भी इस कारनामे को जायज बताते हुए पत्रकारों से कहा कि प्रोटोकॉल के मुताबिक विधायक अधिकारी की कुर्सी पर बैठ सकता है। साथ ही कहा मीडियाकर्मियों को कहा कि वह 20 साल से विधायक है और उन्हें समझाने की आवश्यकता नहीं है।