हिमाचल प्रदेश में होटल कारोबार से जुड़े लोगों के लिए राहत भरी ख़बर है। सरकार ने टीसीपी एक्ट के नियमों में कुछ ढील देने का फैसला किया है। मंगलवार को शिमला में हुई कैबिनेट की बैठक में टीसीपी एक्ट में कुछ ढील देने पर सहमति बन गई। इसमें उन होटल मालिकों को ख़ास राहत मिलने वाली है, जिन पर अवैध होने का ठप्पा लगने के बाद बिजली-पानी काट दिया गया था।
सरकार ने यह फैसला लिया है कि जिन होटलों के वैध हिस्से हैं, उसमें कारोबार चलाने की इजाजत है। यानी अवैध हिस्से में कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं होगी। जबकि, वैध हिस्से में होटल-मालिक अपना कारोबार कर सकते हैं।
इसके अलावा बैठक में वन रक्षकों को हथियार देने पर भी सहमति बनी। साथ ही साथ एंटी टोल-प्लाजा नियमों में भी रिलैक्सेशन दी गई है। स्वास्थ्य क्षेत्र भी सरकार ने अहम फैसला लिया है। डिटेल ख़बर का इंतजार है, जल्द ही अपडेट किया जाएगा—
बैठक में वन रक्षक होशियार सिंह हत्याकांड के बाद सरकार की तरफ से वन रक्षकों को आत्म रक्षा के लिए हथियार दिए जाने के फैसले पर भी निर्णय लिया गया है।
टोल बैरियरों पर छोटी गाडिय़ों को एंट्री टैक्स में दी जाएगी छूट ।
चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के लिए नई गाड़ियां खरीदी जाएंगी।
बैठक में राज्य में खनन नीति में संशोधन का भी फैसला लिया गया। खनन नीति में संशोधन के बाद इसके सरल होने से प्रदेश में न सिर्फ खजाने में खनन से होने वाले राजस्व में इजाफा होगा बल्कि अवैध खनन पर भी नकेल कसेगी।