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महेंद्र-सुक्खू के बीच बंद कमरे में हुई गुफ़्तगू, राजनीतिक गलियारों में मचा भूचाल

बीरबल शर्मा |

चुनाव नजदीक हों तो परस्पर धुर विरोधी दलों के नेताओं की मुलाकातें ज्यादा चर्चा का विषय बन जाती हैं. स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर तथा विधानसभा में हुई तगड़ी नोक झोंक के बाद गंतव्य की ओर निकले एक दूसरे के विरोधी नेता जब बंद कमरे में मिलें तो बबाल मचना यकीनी है. इसी तरह की एक मुलाकात जो रविवार की रात को सुंदरनगर के बीबीएमबी विश्राम गृह सुकेत में प्रदेश सरकार के नंबर दो मंत्री महेंद्र सिंह व हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में इस समय नंबर वन पर चल रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच जो हुई है उसे लेकर हड़कंप मच गया है. इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

महेंद्र सिंह को मंडी के भंगरोटू में मनाए गए जिला स्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह में भाग लेना था, ऐसे में सुकेत सदन को उनके लिए बुक करवाया गया था. इसी बीच वहां पर कांग्रेस की चुनाव समिति के प्रभारी एवं विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू भी पहुंच गए जबकि उनके लिए सुकेत सदन में कोई बुकिंग नहीं थी बल्कि सुंदरनगर में एक निजी होटल में उनके लिए कमरा बुक था. सूत्रों के अनुसार उस रात महेंद्र सिंह व सुक्खू के साथ सुंदरनगर के विधायक राकेश जमवाल व बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी भी थे तथा सभी ने रात का खाना एक साथ खाया. उसके बाद राकेश जमवाल व इंद्र सिंह गांधी चले गए तो महेंद्र सिंह व सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बीच बंद कमरे में लंबी बात हुई. यही चर्चा का विषय बन गई है.

एक तरफ इन दिनों दोनों दलों से नेताओं का इधर से उधर जाना तेज हुआ है. उपर से भाजपा परिवारवार को लेकर और अधिक सख्त हो गई है. प्रधानमंत्री के लाल किले से परिवारवाद पर की गई चोट के बाद भाजपा में इसे लेकर और अधिक सतर्कता बरतने की बात कही जा रही है. महेंद्र सिंह ठाकुर राजनीतिक रिटायरमेंट लेकर अपने बेटे रजत ठाकुर व अपनी बेटी वंदना गुलेरिया को अपनी रानीतिक विरासत सौंपना चाहते हैं, मगर भाजपा का परिवारवाद इसके आड़े आ सकता है. दूसरी ओर सुखविंद्र सिंह सुक्खू कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं मगर उनकी राह में भी कई दिग्गजों ने रोड़ अटका दिए हैं.

ऐसे में इस मुलाकात के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. इधर, खीमी राम व इंदू वर्मा के कांग्रेस में जाने के बाद जो भाजपा ने दो वर्तमान विधायकों पवन काजल व लखबिंदर राणा को भाजपा का चोला पहना दिया है उससे लगता है कि आने वाले दिनों में और भी कई विस्फोट होने वाले हैं. इनमें सबसे ज्यादा इंतजार मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा के कदम का है.