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निष्कासन पर बवाल, सुक्खू के खिलाफ इन नेताओं ने खोला मोर्चा

समाचार फर्स्ट डेस्क |

पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित 37 कांग्रेसी नेताओं का मामला काफी तूल पकड़ चुका है। इस प्रकरण के बाद हिमाचल कांग्रेस में भारी बवाल मचा हुआ है। कार्रवाई से नाराज 37 नेताओं ने पीसीसी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सुक्खू के खिलाफ इस जंग में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष भी कूद पड़े हैं। इस सभी ने मिलकर सुक्खू को पीसीसी पद से हटाने की मुहिम छेड़ने की बात कही है।

समाचार फर्स्ट से बातचीत में निष्कासित नेताओं ने सुक्खू पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि पीसीसी अध्यक्ष ने षडयंत्र के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई  की है। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष करुण शर्मा ने तो उल्टा सुक्खू पर ही पार्टी विरोधी काम करने के आरोप जड़ दिए। उन्होंने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष एक ख़ास गुट के इशारे पर कांग्रेस को बर्बाद करने पर तुले हैं और सोची-समझी साजिश के तहत 2019 तक पार्टी को कमजोर करने की मुहिम में जुटे हैं।

नेता बोले, षडयंत्र में शामिल हैं सुक्खू

समाचार फर्स्ट से बातचीत में अधिकांश नेताओं ने कार्रवाई के खिलाफ अपना असंतोष जाहिर किया और आरोपों के घेरे में पीसीसी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को रखा। भोरंज से कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़ चुकीं प्रोमिला कुमारी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष सुक्खू ने षडयंत्र के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की है। अगर हमने पार्टी के खिलाफकाम किया है तो हमें सबूत दिखाएं। प्रोमिला ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को क्या पता कि हिमाचल में क्या चल रहा है।

वहीं, हिमाचल प्रदेश अनुशासनात्मक कमेटी के सदस्य कुलदीप राठौर का कहना है कि कमेटी के पास इससे जुड़ा कोई भी मामला नहीं आया था और सीधे तौर पर यह सारी कार्रवाई हुई है। 

जबकि, पूर्व मंत्री रंगीला राम राव ने निष्कासन की कार्रवाई को ग़लत बताया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह सारा प्रकरण 'इंटरनेशनल लीडर' सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किया गया है। इस मामले को हम हाईकमान के सामने ले जाएंगे, क्योंकि हमने अपना सारा जीवन कांग्रेस के साथ लगा दिया। यह बिल्कुल ग़लत है कि बिना किसी सवाल-जवाब के पार्टी से ही सीधा निकाल दिया जाए।

नाचन के पूर्व विधायक टेक चंद डोगरा का कहना है कि चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कहने पर उन्होंने अपने बेटे का नामांकन वापस ले लिया था, लेकिन बावजूद इसके उनके बेटे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और अब दूसरी कार्रवाई भी कर दी गई है। डोगरा ने कहा कि नाचन में कोई छोटी-मोटी हार हुई होती तो भीतरघात का मामला कहा जा सकता था, लेकिन यहा 15,800 वोटों से शिकस्त मिली। इतनी बड़ी हार में भीतरघात का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि वे भी इस मामले को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष उठाने वाले हैं।

NSUI फूंकेगी पीसीसी अध्यक्ष का पुतला!

कांग्रेस पार्टी से निष्कासित नेताओं को लेकर एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष करुण शर्मा ने भी सुखविंदर सिंह सुक्खू पर खुलेआम हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष गुट विशेष के तौर पर काम कर रहे हैं 2019 में पार्टी को कमजोर करने की कवायद में जुटे हैं। करुण ने कहा कि अगर सुक्खू निष्कासित नेताओं पर फैसला रद्द नहीं करते तो प्रदेश भर में उनका पुतला फूंका जाएगा।