हिमाचल प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल तूती फिर से बोल सकती है। दिल्ली के अशोका रोड से लेकर शिमला के पार्टी कार्यालय तक प्रेम कुमार धूमल के सीएम कैंडिडेट बनने की चर्चाएं जोरों पर है। समाचार फर्स्ट के सूत्रों ने यह साफ किया है कि बीजेपी आलाकमान धूमल को चुनाव का चेहरा बनाने पर सहमत हो गया है, लेकिन कुछ शर्तें भी हैं जिसे उन्हें पूरी करनी होंगी।
सूत्रों का कहना है कि प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बन सकते हैं लेकिन इसमें उम्र और लोकसभा चुनाव 2019 की शर्त भी लागू है। बताया जा रहा है कि अगर जीत की सूरत में धूमल मुख्यमंत्री बनते हैं तो उन्हें 2019 तक का ही कार्यकाल दिया जाएगा, उसके बाद किसी अन्य को पार्टी प्रदेश की कमान सौंपेगी। इसके पीछे उनकी उम्र भी एक बड़ी वजह है। जैसे ही उनकी उम्र 75 वर्ष की होगी, मुख्यमंत्री का पद किसी और को सौंपना होगा।
शनिवार और रविवार को बीजेपी हेडक्वार्टर दिल्ली में इस कयास पर खासी चर्चा रही। एक गुट का तो यह नैरेटिव है कि प्रेम कुमार धूमल ने ऐसी इमोशनल बात कही कि पार्टी को उनके पक्ष पर विचार करना ही पड़ा। बताया जा रहा है कि धूमल ने दो टुक में कह दिया कि वो प्रदेश में पार्टी के लिए दिन-रात सेवा कर रहे हैं। अगर उन्हें सीएम कैंडिडेट नहीं बनाना है तो भी बताया दिया जाए या दूसरा बनेगा उस पर भी स्थिति साफ कर दी जाए। इसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने तय किया है कि सीएम कैंडिडेट धूमल ही रहेंगे, लेकिन परिस्थिति के हिसाब से आगे का निर्णय लिया जाएगा।
नाम नही बताए जाने की शर्त पर एक बीजेपी के एक नेता ने बताया कि 2019 के चुनाव के मद्देनज़र प्रेम कुमार धूमल को हिमाचल की कमान सौंपना बहुत ही जरूरी है। पार्टी के एजेंडे में सिर्फ हिमाचल विधानसभा चुनाव नहीं बल्कि 2019 का लोकसभा चुनाव भी है। साथ ही प्रेम कुमार धूमल के समर्पण को भी पार्टी ध्यान में रख रही है। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है। लेकिन, उनके नाम पर सभी की लगभग सहमति है।
कुल मिलाकर अभी कयासों का दौर है लेकिन यह यह बात पुष्ट है कि अगर धूमल सीएम बनते हैं तो उन्हें पार्टी की जरूरी शर्तों को पूरा करना पड़ेगा।