कांगड़ा जिला के सुलह विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पूर्व विधायक के साथ हुई मारपीट पर पूर्व मंत्री ने रोष जाहिर किया। उन्होंने सरकार और सत्ता में बैठे नेताओं को दो टूक कही है कि राजनीति में जंगलराज औऱ गुंडाराज कल्चर लाना बंद कर दें। हिमाचल प्रदेश की शालीन और सभ्य राजनीति के इतिहास को सत्ता के मद में कलंकित न करें। पूर्व विधायक पर हाथ उठाने वाले और ऐसा करने वाले नेताओं औऱ कार्यकर्ताओं पर तुरंत कार्रवाई की जाए। अन्यथा ऐसा नहीं हुआ और इस कल्चर को न रोका गया तो परिणाम सरकार और नेताओं को भी भुगतने पड़ेंगे।
जीएस बाली ने कहा कि 'पूर्व CPS वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगजीवन पाल के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस की मौजूदगी में मारपीट की। यह घटना आक्रोशित के साथ-साथ स्तब्ध करने वाली है। सत्ता के अहंकार में किस स्तर की राजनीति तक भाजपा पहुंच चुकी है, यह सोच का विषय है। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ। जंगलराज और गुंडाराज कल्चर हम बाहरी राज्यो में सुना करते थे आज भाजपा के राज में हिमाचल को भी उसी कैटेगिरी में ला दिया गया है।
यह बहुत ही शर्मनाक कृत्य किया गया। हर मोर्चे पर फेल सरकार अपनी नाकामियां छिपाने के लिए ऐसे ओछे हथकंडों पर उतर आई है। इन गुंडातत्वों को किसकी शह प्राप्त है ? कैसे संस्कार इन्हें दिए गए कि एक पिता की उम्र के व्यक्ति पर पीठ पीछे से हाथ उठाया गया। क्या अराजक तत्त्वों और इन छुटभैये गुंडों को आगे करके भाजपा अब राजनीति करेगी? एक पूर्व विधायक की आवाज को कुचलने के लिए यह तरीका अपनाया गया तो आम आदमी के विरोध पर इस सरकार के नुमायंदे और गुंडे क्या-क्या नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि कुल्लू से कांगड़ा तक कानून व्यव्यस्था का कौन सा रूप यह सरकार दिखा रही है? सत्ता के घमंड से उत्पन्न अराजकता की यह स्थिति क्या आगामी चुनावों का ट्रेलर है कि कानून व्यव्यस्था और बिगड़ेगी। मैं सरकार को आगाह करता हूं, अगर इन्हीं हथकंडों को अपनाना है तो परिणाम आपको भी भुगतने पड़ेंगे। अभी अनुरोध ही करता हूं कि हिमाचल प्रदेश की शालीन और सभ्य राजनीति के इतिहास को सत्ता के मद में कलंकित न करें। इस मामले में शामिल आरोपियों को सत्ता की शह न दे उन्हें सबक सिखाएं। कानून के दायरे में कड़ी कारवाई करते हुए सख्त संदेश दें। अन्यथा याचना नहीं फिर रण होगा, संघर्ष महा भीषण होगा।'
याद रहे कि पूर्व विधायक जगजीवन पाल से कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मारपीट की। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि ये सब स्थानीय विधायक विपिन परमार के कहने पर हुआ है। हालांकि अभी तक विपिन परमार इस मामले में बात तक करने को तैयार नहीं है। लेकिन पिछले दिनों भी उन्होंने एक सामान्य बात पर हो रहे उनके विरोध में तल्ख़ तेवर दिखाए थे। ऐसे में पूर्व विधायक आमरण अनशन पर थे उसके बाद उनसे मारपीट हुई थी।