बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर बजट के आंकड़ों के ज़रिए झूठ पेश कर लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के आगमी वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट 8.3 संभावित होना दिखाया है, वो तथ्यों से परे है, जबकि हिमाचल की ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत थी। सरकार लगातार कोरोना काल में नुकसान और आर्थिक परेशानियों की बात करती रही है लेकिन अब ऐसा क्या चमत्कार हो गया कि ग्रोथ में इतनी बड़ी छलांग लगाई है।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के बजट को आंकड़ों में हेरा फेरी बताया और गकत आंकड़ों के ज़रिए भ्रम फैलने की कोशिश बताया जो सरा सर झूठ फैलाने जैसा है। बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 21 फरवरी 2022 तक बजट में 63,200 करोड़ के कर्ज के बोझ होने की संभवना जताई गई है। जबकि सरकार ने 6276 करोड़ के ऋण लेने की इसी महीने तैयारी कर रखी है, जो महीने के आखिर तक 70 हज़ार करोड़ हो जाएगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार सदन को भी गुमराह करने से बाज नहीं आ रही। पूंजीगत व्यय के लिए 2021-22 में जो 49 फीसदी रखी गयी थी इस बार वो घटकर 29 फीसदी क्यों रह गया है। बजट में किसी भी वर्ग के लिए किसी तरह की राहत देने का कोई जिक्र नहीं है। वेतन भत्ते बढ़ाने का कहीं कोई जिक्र नहीं है। कोई भी कर्मचारी वर्ग आज सरकार से खुश नहीं है और लगातार साल भर से अलग-अलग संग़ठन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
नेता विपक्ष ने सरकार पर मंडी के ग्रीन फिल्ड एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर लगातार बनाने का जिक्र किया जा रहा है, जबकि इसके लिए न तो किसी तरह की मंजूरी मिल पाई है और स्थानीय लोग जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहें है। नेशनल हाईवे को लेकर सरकार सत्ता में आने से लेकर बड़े दावे ला रही है लेकिन एक भी बनना तो दूर लोग अपनी ज़मीन को लेकर भूमि अधिग्रहण का पैसा एक व्यक्ति को नहीं दिलवा सकी है। रेलवे को लेकर बड़ी बड़ी बातें करने वाली सरकार एक भी परियोजना के लिए मैचिंग ग्रांट तक नहीं दे पाई है। सरकार मैचिंग ग्रांट के लिए एक भी पैसा देने में फेल हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार कमर्चारियों को पेंशन देने को अड़ी हुई है जिसका कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे हैं। दूसरी तरफ 60 साल की उम्र वालों को सरकार पैंशन देने के दावे कर रही है। विपक्ष के नेता ने सरकार पर पेंशन के मुद्दों पर गुमराह करने और अलग अलग फॉर्मूला लगाते हूए इसमें भ्रम की स्थिति पैदा करने के आरोप लगाए।
विपक्ष ने आरोप लगाए की जिस मामले में हिमाचल प्रदेश का नाम बदनाम हो रहा है, उन शराब माफियाओं को एक सप्ताह के भीतर कोर्ट से जमानत मिल गयी है। ऊना में गैर कानूनी तरीके से चल रहे शराब कारोबार के चलते 11 लोगों की जान चली गयी और मुख्य आरोपी जमानत पर रिहा हो गया है। आखिर सरकार प्रदेश को ऐसे माफियाओं को कैसे कानून की गिरफ्त में ला पाएगी। प्रदेश में आज 5856 ड्रग के मामले और 1397 रेप के मामले प्रदेश की गलत छवि पेश कर रही है लेकिन सरकार कुछ करने की स्थिति में नहीं है।
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