प्रदेश सरकार ने पुलिस भर्ती पेपर लीक की जांच अब सीबीआई को सौंपने का निर्णय किया है लेकिन कांग्रेस सीबीआई जांच की भी पक्षधर नहीं है। कांग्रेस का मानना है कि इस तरह सरकार मामले को उलझाने का प्रयास कर रही है। बेगुनाहों को सलाखों के पीछे डालकर असली गुनहगारों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह आरोप कांग्रेस के उपाध्यक्ष और नैना देवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने लगाया है।
रामलाल ठाकुर ने शिमला में कहा कि इस मामलें में 73 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पेपर खरीदने वालों को गिरफ्तार कर रही है। जिसने पेपर लीक किया उनको बचाया जा रहा है। यह पुलिस और राजनीतिक सरक्षंण में हुआ है। पेपर सेट की एक प्रकिया है। पुलिस विभाग की निगरानी में पेपर बनाया और प्रिंट किया गया। उन्होंने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस का मालिक प्रभावशाली राजनेताओं का संबंधी हैं उसपर कोई कार्यवाही नहीं हुई। पुलिस विभाग के लोग जिन्होंने कोताही बरती उन पर कार्यवाही के बजाए अन्य राज्यों से लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई में भी यही अफसर होते हैं उनकी कोई अलग ट्रेनिंग नही होती। ठाकुर ने कहा कि इस घोटाले में बड़े मगरमच्छओं को बचाने का प्रयास हो रहा हैं। गुड़िया और अन्य मामलों में सीबीआई जांच बेनतीजा रही है।
रामलाल ठाकुर ने आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जल-जीवन मिशन में बाहरी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। पाईपें कागजों में बिछ रही है। जहां बिछ रही हैं वहां पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने इन अनियमितताओं की जांच करने की मांग की। उन्होंने नैना देवी मंदिर ट्रस्ट का ढाई करोड़ से बीजेपी नेता के द्वारा गाड़िया खरीदने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा के पूर्व एमएलए ओर भाजपा के रसूखदार नेता के कहने पर मंदिर का पैसा आनंदपुर में यस बैंक में जमा कराने की बात कही। उसके बाद उस पैसे से नेता के रिश्तेदार ने गाड़ियां खरीदी ओर राजनीतिक प्रभाव के चलते बन रही रेलवे लाइन के काम में लगा दी। जबकि जिनकी जमीन गयी उन्हें वहां ड्राइवर तक नहीं रखा गया। यह सरकार नौकरियों के साथ हर जगह गड़बड़ियां कर रही है। जनता इनसे त्रस्त हो गई है जिससे प्रदेश में अब कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।