शिमला समर फेस्टिवल की अंतिम संध्या हुई अव्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ठियोग से माकपा विधायक राकेश सिंघा ने इस घटनाक्रम को लेकर जिला प्रशाशन को दोषी ठहराया और इस लापरवाही के लिए सरकार से जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की।
वंही, वंही कांग्रेस उपाध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा ने भी जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अंतराष्ट्रीय समर फेस्टिवल को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में जिला प्रशासन असफल नज़र आया। ज्यादा भीड़ के चलते कुछ महिलाएं बहोश हुईं जिन्हें अस्पताल तक पहुंचाने के लिए रास्ता तक नहीं मिल पाया।
उन्होंने कहा कि हमने फिल्मों की टिकटें तो ब्लैक होती सुनी थी लेकिन यह 1982 से लेकर अब तक पहली बार हुआ है कि भाजपा सरकार के काल में पहली बार अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्म महोत्सव शिमला में कार्यक्रम को देखने के लिए भी टिकट ब्लैक में बेचे गए। जहां 200 लोगों के लिए कुर्सियों की व्यवस्था कि गई थी तो वहीं 2000 पास बांटे गए।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था करने में पूरी तरह से नाकाम रहा है। उन्होंने कहा कि जहाँ प्रधानमंत्री एवं वीवीआईपी को तो पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान कि जाती है लेकिन आम जनता की जान खतरे में डाली जा रही है।