कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी से एक बार फिर हिमाचल में सियासी पारा उफान पर है। सोमवार शाम को जब परिवहन मंत्री जीएस बाली मंडी पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने बाली को सीएम बनाने के पक्ष में नारेबाजी की। वहीं, पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हमने पार्टी छोड़ी नहीं थी, बल्कि हमें निकाला गया था। इन सभी बातों के आने वाले समय में कई सियासी मायने निकल सकते हैं। बता दें कि जीएस बाली का नाम सीएम पद के दावेदारों में माना जा रहा है।
अनिल शर्मा ने कहा कि उनके पिता पंडित सुखराम आया-गया राम नहीं हैं। जब हमें पार्टी से निकाला गया था तो हमने अपनी पार्टी बनाई थी और बीजेपी से गठबंधन करके सरकार बनाई थी। गौरतलब है कि कुछ समय पहले जब लंबे समय के बाद वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम एक मंच पर इक्टठे हुए थे तो वीरभद्र सिंह ने पंडित सुखराम को आया-गया राम कहा था। जिसकी दर्द अनिल शर्मा की बातों में साफ झलक रहा था।
इस दौरान जीएस बाली ने कहा कि पंडित सुखराम एक सम्माननीय नेता हैं। उन्होंने सीएम का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि शरीर पर लगा जख्म तो भर जाता है, लेकिन जुबान से जो जख्म दिया जाता है वह भरने में वक्त लेता है। बता दें कि इस कार्यक्रम में वीरभद्र सिंह को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद यहां जीएस बाली को आमंत्रित किया गया।
बस अड्डा कोटली का उद्घाटन किया
परिवहन मंत्री जीएस बाली ने विधानसभा मंडी में बस अड्डा कोटली का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कोटली भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान उनके साथ पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा उपस्थित रहे। जीएस बाली का यहां पर काफी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। बता दें कि अनिल शर्मा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खास कहे जाने वाले नेताओं में से एक माने जाते हैं।