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कानून-व्यवस्था पर गरजे GS बाली, बोले- माहौल ठीक करो वर्ना सड़क पर उतरेगी जनता

समाचार फर्स्ट डेस्क |

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली ने प्रदेश में कानून व्यवस्था के मसले पर सरकार पर ताबड़तोड़ हमला बोला है। उन्होंने जयराम सरकार और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े किए। सोमवार को कांगड़ा में आयोजित प्रेस-कॉन्फ्रेंस में जीएस  बाली ने कहा कि प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। पिछले साल की तुलना में कानून-व्यवस्था बेहद ही खराब और निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। 

जीएस  बाली ने कहा, " आप सुबह अख़बार खोलो तो हर जगह हत्या, लूट, रेप और दंगे की ख़बरें पढ़ने को मिल रही हैं। देवभूमि में इस तरह की घटनाएं बेहद दुखद हैं। आए दिन अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है और सरकार तथा संबंधित प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।"

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साथ ही जीएस बाली ने प्रशासन और कानून को लागू करने वाली तमाम एजेंसियों को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना में प्रभावी ढंग से तत्काल एक्शन नहीं लिया जा रहा है। अगर कोई बुरी घटना होती है तो सभ्य समाज के मुताबिक कानून को तुरंत प्रभावी रूप से अपना काम करना चाहिए। लेकिन, हर मौके पर प्रशासन कानून का फर्ज निभाने में पीछे रहा है। 

जीएस बाली ने कहा कि जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं और जिस प्रकार से कानून काम कर रहा है, उससे सरकार और प्रशासन पर ही प्रश्नचिन्ह खड़े होते हैं।

क्या सांप्रदायिक दंगों की हो रही है साज़िश?

पूर्व मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के बाकी हिस्सों से अब तक बिल्कुल ही शांत रहा है। यह देवभूमि है। लेकिन, पिछले कुछ समय से प्रदेश में खौफ का माहौल बनाकर सांप्रदायिकता को हवा दी जा रही है। जरूरी है कि अगर नागरिकों को किसी से भय है, तो वह अपने संबंधित पुलिस स्टेशन या एजेंसियों को सूचित करे।

कानून के मुताबिक कोई भी गलत हो उसके खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां पर कानून मजबूत होता है, अपराध पनपने की गुंजाइश कम हो जाती है। लेकिन, कुछ वक़्त से एक ही ढर्रे पर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में माहौल खराब करने की कोशिश चल रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह सरकार और प्रशासन के आला अधिकारियों को चिट्ठी लिखेंगे और इस संदर्भ में सवाल भी पूछेंगे। जो भी जवाब मिलेगा फिर उसे मीडिया से साझा करेंगे।

जीएस बाली ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा। लेकिन, प्रदेश के वर्तमान हालातो को देखते हुए उन्हें मजबूरन जनता के बीच आना पड़ा है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए लगता है अब जनता से आह्वान भी करना पड़ेगा। ताकि, लोकतांत्रिक वैल्यूज को मेंटन रखा जा सके।