<p>हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ने गुरूवार को दिल्ली में आयोजित प्री बजट मीटिंग के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के समक्ष अपनी बातें रखी। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सभी वित्त मंत्रियों की बजट पूर्व बैठक में सीएम ने केन्द्र के सामने कई नई योजनाओं के नाम पर फंडिंग के अलावा प्रदेश विशेष मदद भी मांगी।</p>
<p><strong><span style=”color:#c0392b”>इडंस्ट्री में 100 फिसदी टैक्स फ्री की मांग</span></strong></p>
<p>सीएम ने उद्योगों में पहले 5 वर्षों के लिए टैक्स में शत-प्रतिशत और अगले 5 वर्षों के लिए 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने के लिए लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया। इसके अलावा, पर्वतीय राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 7 वर्षों की अवधि के लिए ब्याज में 7 प्रतिशत की छूट प्रदान करने का भी आग्रह किया। </p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>फ्लाइट और हेली-टैक्सी सर्विस पर सब्सिडी</strong></span></p>
<p>सीएम ने पर्यटन को बढ़ावा देने तथा आपदा प्रबन्धन में सहायता के लिए उत्तर-पूर्वी राज्यों की तर्ज पर संचालित उड़ानों और हेली-टैक्सी सेवाओं के लिए सब्सिडी फंड की मांग की। उन्होंने पर्वतीय राज्य में हवाई अड्डों के विस्तार और निर्माण के लिए केन्द्र में बजट प्रावधान करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>कॉरपोरेट टैक्स कम करने की मांग</strong></span></p>
<p>सीएम ने इंडस्ट्री विकास के लिए कार्पोरेट टैक्स दर को 20 प्रतिशत तक कम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के इंडस्ट्रलिस्ट को मार्च, 2017 में समाप्त हुए केपिटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी के लाभों से वंचित किया गया है। मुख्यमंत्री ने नई घोषणाओं तक राज्य को केन्द्रीय पूंजीगत निवेश सब्सिडी जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने किराया-भाड़ा (फ्रेट) सब्सिडी योजना को पुनः आरम्भ करने और 75 प्रतिशत की दर से लगभग पांच करोड़ रुपये की परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति के लिए भी आग्रह किया।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग</strong></span></p>
<p>उन्होंने केन्द्रीय बजट 2018-19 में घोषित सेब पर आयात शुल्क को बढ़ाने का भी आग्रह किया ताकि हिमाचल के बागवानों के हितों की रक्षा की जा सके।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>रेल नेटवर्क के विस्तार की मांग</strong></span></p>
<p>सीएम ने कनेक्टिविटी में सुधार के लिए राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार और सुधार के लिए प्राथमिकता प्रदान करने की भी मांग की। उन्होंने भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाईन के निर्माण के अलावा पठानकोट-जोगिन्द्रनगर रेल लाईन के विस्तार का भी आग्रह किया।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>विद्युत, सड़क, कृषि के विकास की मांग</strong></span></p>
<p>मुख्यमंत्री ने अनावश्यक देरी से बचने के लिए 50 मैगावाट से अधिक की जल विद्युत परियोजनाओं को पर्यावरण स्वीकृतियां प्रदान करने, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कार्यों में तेजी लाने के लिए एफसीए एक्ट-1980 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान करने, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 100 से अधिक तथा 250 से कम की आबादी वाले क्षेत्रों को शामिल करने का भी आग्रह किया।</p>
<p>मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल 111 सिंचाई परियोजनाओं के लिए 289 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कुल 338 करोड़ रुपये में से अभी तक केवल 49 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं। उन्होंने फिन्ना सिंह और नादौन सिचांई परियोजनाओं को मंत्रालय की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में शामिल करने का आग्रह किया ताकि इनका निर्माण दिसम्बर, 2019 तक पूरा किया जा सके। उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत जनजातीय तथा गैर- जनजातीय क्षेत्रों में मज़दूरी दरों में असमानता को दूर करने का भी अनुरोध किया।</p>
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