अर्की विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी के बाद अब कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ता भी अपनी दावेदारी की ताल ठोकने लगे हैं। डॉ मस्त राम शर्मा ने कांग्रेस पार्टी टिकट की दावेदारी की है। मस्तराम शर्मा पूर्व में संस्कृत के प्रोफेसर और शिक्षा विभाग में उच्च पदों पर रह चुके हैं। वर्तमान में मस्त राम राजीव गांधी फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव हैं।
उन्होंने शिमला में आज कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और अर्की के विधायक वीरभद्र सिंह के निधन के बाद अर्की में उपचुनाव होने हैं। वह पिछले कई चुनावों से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं लेकिन उन्हें आज तक टिकट नहीं मिला है। उनका कहना है कि जिन प्रत्याशियों को पूर्व में टिकट मिल चुका है उन्हें उपचुनाव में टिकट न देकर किसी नए चेहरे पर हाईकमान को दाव खेलना चाहिए।
वह पार्टी के सच्चे सिपाही है अगर उन्हें पार्टी टिकट देती है तो सीट पार्टी की झोली में डालने का दमखम रखते हैं। अर्की से सम्बन्ध रखने वाला ही वहां के मुद्दों को बेहतर जानता है इसलिए धरती पुत्र को ही पार्टी को टिकट देना चाहिए। स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के परिवार के सदस्य को टिकट दिए जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान जिसे भी टिकट देगी वह उसका सहयोग करेंगे।