<p>राज्य सरकार ने संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा दिया है और अब इस भाषा को और अधिक व्यावहारिक और सरल बनाने के प्रयास होने चाहिए ताकि इसे जनता के बीच लोकप्रिय बनाया जा सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के न्यूजलेटर का विमोचन करने के बाद यह बात कही।</p>
<p>जयराम ठाकुर ने कहा कि बोर्ड द्वारा न्यूजलेटर को हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में लाने का प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोरोना महामारी के कारण लाॅकडाउन में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो। राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को गृह शिक्षण सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से दूरदर्शन ज्ञानशाला कार्यक्रम भी शुरू किया है।</p>
<p>जय राम ठाकुर ने कहा कि बोर्ड को सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रयास करना चाहिए ताकि परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों को अनुचित साधनों का उपयोग करने से रोका जा सके। उन्होंने मार्च, 2019 की परीक्षा में असफल हुए विद्यार्थियों को स्टेट ओपन स्कूल प्रशिक्षणार्थियों के साथ-साथ उनके शैक्षणिक वर्ष को बचाने के लिए एक अवसर प्रदान करने के लिए बोर्ड के प्रयासों की प्रशंसा की।</p>
<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा, वैदिक गणित और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।</p>
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