पी. चंद। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सत्ता परिवर्तन के बजाय व्यवस्था परिवर्तन के उद्देश्य से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है। कांग्रेस पार्टी विधायकों की संपत्ति और आय के साधनों को सार्वजनिक करने के मक़सद से पारदर्शिता कानून और जनहित के विकास कार्यों में गुणवत्ता लाने और जिम्मेदारी तय करने के मक़सद से रिस्पॉन्सिबिलिटी कानून भी लाएगी। चुनाव सामुहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा। यह बात शिमला में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जयराम सरकार का कंट्रोल दिल्ली में है और सभी निर्णय दिल्ली भाजपा हाई कमान ले रही है। मुख्यमंत्री लाचार नजर आ रहे। महंगाई पिछले आठ साल में आसमान छू रही है। तेल, रसोई गैस, दालें सभी आम आदमी की पहुंच से बाहर है। 70 साल में इतनी कीमतें नहीं बढ़ी जितनी पिछली 8 साल में बढ़ गई और भाजपा केवल अपने राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए काम कर रही है।
भ्रष्टाचार पर सरकार का क्या स्टैंड?
मुख्य सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं लेकिन सरकार जांच नहीं करवा रही। अगर सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस मानती है तो क्यों बिंदल को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया। आज रोजगार के अवसर प्राप्त नहीं हो रहे। सिर्फ धर्मपुर और सिराज में सबसे ज्यादा भर्तियां हुई हैं। जेओए के रिजल्ट ही नहीं निकल रहे। ये सरकार दिशा हीन सरकार है क्योंकि केंद्र का इतना दबाव है कि जयराम फैसला नहीं ले पा रहे। आने वाले समय में कर्मचारियों के विशेष ध्यान रखा जाएगा और ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी। आउटसोर्स पर भी नीति लाए जाएगी।
परिवर्तन पर बोले सुक्खू
प्रदेश कांग्रेस संगठन में परिवर्तन की चर्चाओं को लेकर सुखविंदर सिंह ने कहा कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है और पार्टी हाई कमान समय समय पर इसको लेकर निर्णय लेता है। 40 साल के बाद हिमाचल कांग्रेस को नया नेतृत्व मिलने जा रहा है और सामुहिक नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ेगी कोई मुख्यमंत्री चहेरा नहीं होगा।