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‘भीड़ इक्टठा कर CM औऱ मंत्री उड़ा रहे नियमों की धज्जियां, कोरोना बढ़ने में सरकार जिम्मेवार’

बीरबल शर्मा |

कांग्रेस के पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री पर कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों की धज्जियां उड़ाई जाने का आरोप लगाया है। कौल सिंह ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है जिसके कारण लोगों की बड़ी संख्या में दुखद मृत्यु हो रही है इसमें सीधे तौर पर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार है। 15 अप्रैल को राज्य हिमाचल दिवस का आयोजन पधर में किया गया ।  द्रंग ब्लॉक की पंचायतों से सैकड़ों लोगों के इकठ्ठा होने से आज द्रंग की कई पंचायतों में पूरे- पूरे गांवों में कोरोना फैला हुआ है।
 
उन्होंने कहा कि चौहार घाटी में बहुत अधिक संख्या में लोग कोराना संक्रमित हुए हैं उनका इलाज चल रहा है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्ट नहीं हो रहे हैं जिसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेवार है। क्या मुख्यमंत्री को पता नहीं है कि एक तरफ आप कोरोना कर्फ्यू लगाते हैं तो दूसरी ओर उद्घाटन करने व्यक्तिगत आकर सौ से डेढ़ सौ लोगों की भीड़ इकट्ठा करते हैं। मुख्यमंत्री जब अपने विधानसभा क्षेत्र में 80- 80 करोड़ रुपए के उद्घाटन वर्चुअल चम्बा औऱ शिमला से कर सकते हैं तो यह भी वर्चुअल कर सकते थे। मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना की गाईडलाइन प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई गई है ।

पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार को इलम होना चाहिए कि कांग्रेस सरकार के वक्त प्रदेश में 2059 स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। स्वास्थ्य केंद्र ,उपस्वास्थ्य केंद्र सिविल अस्पताल कोई न कोई स्वास्थ्य केंद्र पंचायत स्तर पर बना बनाए हुए है। लेकिन प्रदेश के सैकड़ों स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लगे हुए हैं। जहां न महिला स्वास्थ्य कर्मी है और नहीं पुरुष। जब वह पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री रहे उस वक्त 580 महिला और 80 पुरुष स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती हुए है। अभी भी बहुत से स्वास्थ्य केंद्र खाली पड़े हुए हैं  ।

आज जितने भी कोरोना वैक्सीन इंजेकशन लग रहे हैं, वह सब स्वास्थ्य उपकेंद्रों में ही लगाए जा रहे हैं। लोगों को दूर न चलना पड़े ताकि अपनी पंचायत के प्राइमरी स्वास्थ्य उपकेंद्रों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो। स्वास्थ्य महिला कर्मियों की 800 रिक्त पदों की शीघ्र अतिशीघ्र 50-50 प्रतिशत मैरिट व वैच के माध्यम से की जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो सके।

पूर्व स्वास्थ्य ने प्रदेश सरकार से कहा है कि को स्वास्थ्य सेवा में निरन्तर अपनी सेवाएं दे रहे डॉक्टर ,स्टाफ नर्स उन्हें बाद में एक सप्ताह के लिए होम ऐसोलेसन में रखा जाता था लेकिन जिसकी अधिसूचना सरकार ने बदली हुई है कि एक सप्ताह के लिए किसी को ऐसोलेशन में नहीं रखा जाएगा । कौल ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि अभी की अधिसूचना तुरन्त बहाल कर पहले वाली अधिसूचना फिर से लागू किया जाए।