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बकरियां बनेंगी पालकों के लिए ATM, योजना के तहत सरकार देगी 60 फीसदी सब्सिडी

पी. चंद |

हिमाचल सरकार ने ग़रीबी रेखा से नीचे के लोगों को और पालकों को विशेष तोहफा दिया है। इस तोहफे के तहत बकरियां या भेड़ें ग़रीब लोगों और पालकों के लिए एटीएम साबित होंगी। दरअसल, पशुपालन विभाग ने 'मुख्यमंत्री कृषक भेड़-बकरी पालक' योजना के तहत BPL परिवारों के लिए नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों की अजीविका को सुदृढ़ करने के लिए 3 से लेकर 11 भेड़ें और बकरियां मुहैया करवाएगा।

इस पर 60 फीसदी का अनुदार सरकार की ओर से दिया जाएगा, जबकि शेष 40 फीसदी कृषक वहन करेंगे। विभाग ने इस योजना को 3 श्रेणियों में बांटा है और हर श्रेणी पर सरकार ने ट्रांसपोर्टेशन आदी के फायदे भी दिए हैं। प्रथम श्रेणी के तहत कृषक को 10 बकरियां और एक बकरा दिया जाएगा, जिसकी कुल लागत 58,000 होगी। इस पर 34,800 का अनुदान सरकार की ओर से देय होगा। पहली श्रेणी में ट्रांसपोर्टेशन के लिए इस वर्ग के लिए 5000 रुपए और भेड़-बकरियों के खान-पान के लिए 6,840 रुपए भी दिए जाएंगे। इसके अलावा 2320 प्रति वर्ष के हिसाब से बीमा विभाग की ओर से करवाया जाएगा।

दूसरी श्रेणी में चार बकरियां और एक बकरा मुहैया करवाया जाएगा, जिसकी लागत 28,000 रुपए  होगी। इसमें से 16,800 रुपए अनुदान के रूप में सरकार की ओर से देय होंगे और 11200 कृषक को अपनी ओर से वहन करना पड़ेगा। इसमें भी ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा 2500 रुपए और खानपान के 3,736 रुपए सरकार की ओर से दिए जाएंगे। इसमें 1120 प्रति वर्ष के हिसाब से पशुओं का बीमा भी सरकार की ओर से किया जाएगा।

तीसरी श्रेणी में दो बकरियां और एक बकरा मुहैया करवाया जाएगा, जिसकी लागत कुल 18000 पर होगी। इसमें 10,800 रुपए सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा और 7,200 कृषक को अदा करने होंगे।  ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा 1000 रुपए और 1368 रुपए खानपान पर सरकार की ओर से देय होंगे। वहीं, 720 बीमा के रूप में भी सरकार की ओर से दिए जाएंगे।

पशु पालन मंत्री वीरेन्द्र चौधरी ने बताया कि अभी बीपीएल परिवारों के लिए ये योजना शुरू की जा रही है। लेकिन, सरकार इस योजना में एपीएल परिवारों को भी लाने पर विचार कर रही है। बकरियों की बढ़िया नस्ल दी जाएगी, जिसके दूध को बेचने के लिए कलेक्शन सेंटर भी खोले जाएंगे। इसके अलावा जहां बकरियों के लिए चरान नहीं है, वहां बकरियों के चारे के प्रबंध भी घर द्वार पर ही मुहैया होगा।