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सरकार का विज्ञान ‘विज्ञापन’ है, इनका नारा होना चाहिए ‘इस बार विज्ञापन की सरकार’: कन्हैया

बीरबल |

दिल्ली से मंडी पहुंचे कांग्रेस के स्टार प्रचारक कन्हैया कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने बयान में केंद्र की सरकार को सिर्फ विज्ञापन तक सीमित बताया है। कन्हैया कुमार ने कहा कि मोदी सरकार का विज्ञान विज्ञापन है। पूरी सरकार विज्ञापन पर चल रही है। इनका तो अब यह नारा होना चाहिए कि ‘अब की बार विज्ञापन की सरकार’।

कन्हैया ने कहा कि दिल्ली से सैलानी मंडी पहुंच जाता है। प्रदेश का सेब दिल्ली पहुंच जाता है मगर विकास यहां नहीं पहुंचता। सड़कों की हालत देख कर कोई भी यह कह सकता है। पंप पर पैट्रोल भरती बार ऐसा लगता है जैसे कोई सीरिंज से खून निकाल रहा है और सामने मोदी का हंसता हुए चेहरे वाला होर्डिंग नजारा देख रहा है। सरसों का तेल जैसे पैट्रोल को आवाज दे रहा है कि आओ हमारे पास दोनों बराबर हो जाएं। डब्बल सेंचुरी मारे। दूसरे की पीड़ा वही समझ सकता है जिसने खुद पीड़ा झेली हो।

मोदी कहते हैं कि वह हिमाचल में प्रभारी रहे हैं फिर तो उन्हें पहाड़ के लोगों का दर्द मालूम होना चाहिए। कन्हैया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने जो अपने घोषणापत्र में वायदे किए थे वह ही पूरे नहीं हुए। अभी तक तो कांग्रेस के काम का ही फीता काटा जा रहा है, न जाने अपने काम का फीता कब काटेंगे। उन्होंने लोगों से कहा कि वह भाजपा का घोषणापत्र साथ रखें और जब भाजपा वाले वोट मांगने आएं तो उनसे पूछें कि इसका क्या हुआ। उन्होंने लोगों को सचेत किया कि भाजपा फिर से कोई शिगूफा छोड़ेगी ताकि लोगों का ध्यान असली मुद्दों से हट जाए, इनका काम झूठ बोलो राज करना है। बीजेपी का मतलब ही बड़का झूठ पार्टी है।

उन्होंने कहा कि अब समय है कि जिस तरह से रसोई में यदि पक रही रोटी को समय से नहीं पलटेंगे तो जल जाती है वैसे ही इस उपचुनाव में सबक सिखा दिया जाए। भाजपा का उम्मीदवार एक सैनिक है के सवाल के जवाब में कन्हैया ने कहा कि सामान्य ज्ञान की बात है कि सेना को राजनीति में नहीं लाना चाहिए, इसे राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन पर लगाए गए आरोपों के सवाल के जवाब में कन्हैया कहा कि वह भाजपा को कभी सीरियसली नहीं लेते क्योंकि सिर्फ झूठ बोलना ही इनका काम है। यह जंग न्याय और अन्याय के बीच है। भले ही एक सांसद के जीतने से कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी मगर एक ऐसा संदेश जाएगा कि सत्ता आपकी बपौती नहीं है। इन्हें अपनी गलती का एहसास होगा, जनता की बात सुनी जाएगा, लोकतंत्र मजबूत होगा।