मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने धर्मशाला में पत्रकारों से बात करते हुए कांगड़ा की अनदेखी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की दोनों सरकारों ने कांगड़ा की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि आखिर क्या वजह है कि प्रदेश के इतने बड़े जिले को राजनीतिक और विकास के तौर पर नजरअंदाज किया जा रहा है। अभी तक जितनी भी सरकारें रहीं, उन्होंने कांगड़ा को हाशिये पर ही रखा है। जिस जिला से प्रदेश की सरकार तय होती है, वहां के एक भी विधायक को आज दिन तक मुख्यमंत्री के रूप में नहीं उतारा गया। बस एक बार शांता कुमार को मुख्यमंत्री पद मिला तो उसके बाद कांगड़ा को नजरअंदाज ही किया गया। यही कारण है कि कांगड़ा को न ही बजट में पूरा हिस्सा मिलता है और न ही नेतृत्व में।
मनकोटिया ने कहा कि जिला ने कई ऐसे वीर सपूतों को जन्म दिया है, जिन्होंने इतिहास के पन्नों में कांगड़ा की अलग पहचान बनाई है, जबकि प्रदेश की सरकारें कांगड़ा की अनदेखी पर जुटी हुई हैं। कांगड़ा से अब तक 80 फीसद से अधिक सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति सीमाओं पर दी है। बावजूद इसके आज दिन तक कांगड़ा में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी या भारतीय सेना अकादमी की तर्ज पर कोई भी संस्था तैयार नहीं की जा सकी है।
मनकोटिया ने कांगड़ा की अनदेखी का आरोप लगाते हुए एक पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर में कांगड़ा के ख्याति प्राप्त लोगों के नाम दर्शाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा के वीर इन वीर सपूतों के बैनर और होर्डिग्स जिला के हर कोने-कोने में लगाए जाएंगे, ताकि लोग जाग सकें और हक के लिए लड़ाई लड़ सकें। अगर प्रदेश सरकार ने कांगड़ा को हक नहीं दिया तो वे सड़कों पर भी उतरने से गुरेज नहीं करेंगे।