पंजाब कांग्रेस लगता है यूपी की राह पकड़ने वाली है. मसलन, कभी सूबे की सबसे पावरफुल पार्टी अब यहां की सबसे कमजोर पार्टी और संगठन बनती दिखाई दे रही है. कांग्रेस पार्टी के नामी चहरे पूर्व मंत्री राजकुमार वेरका, सुंदर शाम अरोड़ा, गुरप्रीत कांगड़, बलबीर सिद्धू, मोहाली के मेयर अमरजीत जीपी आदि बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. इसके पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं.
सुनील जाखड़ के बीजेपी में जाते ही कयास लग रहे थे कि कांग्रेस के और भी नामी चेहरे बीजेपी की कश्ती में सवार हो सकते हैं. वैसे जानकर बता रहे हैं कि नई ज्वाइनिंग की स्क्रिप्ट जाखड़ ने ही लिखी थी. ऐसे में लगातार देश के सियासी क्षेत्रफल में तितर- बितर हो रही कांग्रेस के लिए पंजाब का झटका बहुत बड़ा है.
वैसे देखा जाए तो पंजाब में कांग्रेस के उजाड़ का काम नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी में शामिल होते ही हो गया था. सिद्धू को कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के बरक्स खड़ा करने की कवायद चली. तब कांग्रेस के ही कद्दावर और पुराने नेताओं ने इस प्रयोग को घातक बताया था. हालांकि, यह राजनीतिक रस्सा कस्सी ऐसे मोड़ पर पहुंची कि कैप्टन तो छिटके ही सिद्धू की भी लुटिया चुनाव में डूब गई और फैक्शनलिज्म की चोट खा रही कांग्रेस पंजाब में पूरी तरह बिखर गई.
फिलहाल, चड़ीगढ़ में गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे हुए हैं. उनके साथ बीजेपी के आला नेता भी हैं. कहा जा रहा है कि अभी और भी कांग्रेस के नेता पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. वहीं, राजनीति के जानकर कांग्रेस की गुटबाजी को बीजेपी का सबसे बड़ा अवसर बता रहे हैं. क्योंकि, AAP के सामने पंजाब में बीजेपी एक मजबूत प्रतिरोध के तौर पर सामने आती दिखाई दे रही है.