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राहुल की अध्यक्षता में CWC की पहली बैठक, मोदी ब्रिगेड के खिलाफ कांग्रेस की ये है रणनीति

समाचार फर्स्ट डेस्क |

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की नई कार्य समिति (CWC) की बैठक हुई। रविवार को हुए इस बैठक में पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव के संदर्भ में खाका पेश किया। जानकारी के मुताबिक इस दौरान सोनिया गांधी ने सभी दलों से निजी महत्वाक्षाओं को भुलाकर एक प्लेटफॉर्म पर आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए। पीएम मोदी का नाम लिए बैगर सोनिया गांधी ने कहा कि आरएसएस और उसकी विचारधारा से लड़ना है।

जानकारी के मुताबिक कार्यसमिति की बैठक में सभी नेताओं ने मोदी का नाम लेने से परहेज किया। इस दौरान भूपेश बघेल और पीएल पुनिया ने मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया।

जीत सकते हैं लोकसभा चुनाव 2019

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बैठक में 2019 लोकसभा चुनाव जीतने की पूरी संभावना पेश की। उन्होंने कहा कि देश के 12 राज्यों में जो स्थिति है, उसके तहत कांग्रेस 150 सीट अपने दमखम पर जीतने का माद्दा रखती है। बाकी, राज्यों में गठबंधन की जरूरत होगी। इस दौरान चिदंबरम ने दूसरे दलों से गठबंधन का एक प्रेजेंटेशन भी पेश किया।

किसानों की आय दोगुनी करने पर मनमोहन का तंज

अक्सर मौन रहने की आलोचनाओं को झेल चुके पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त जगत के महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सरकार के उस दावे पर सवाल खड़े किए जिसमें वह किसानों की आय दोगुनी करने दावा कर रही है। मनमोहन सिंह ने कहा कि किसानों की आय तभी दोगुनी हो सकती है, जब कृषि क्षेत्र का विकास दर 14 फीसदी है। जब तक ऐसा नहीं होता है किसी भी सूरत में आय दोगुनी नहीं हो सकती है।

बैठक से नाराज नेताओं की दूरी

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कुछ नेताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। पिछले दिनों CWC से बाहर हुए कमलनाथ ने अपनी नाराजगी बयानों के जरिए जाहिर की थी। लेकिन, बताया जा रहा है कि अब जनार्दन द्विवेदी और दिग्विजय सिंह ने बैठक से दूरी बना ली। इन नेताओं को कार्यसमिति की बैठक में विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। मगर बताया जा रहा है कि कार्यसमिति के पर्मानेंट मेंबर से हटाए जाने से ये लोग नाराज हैं।

बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों 51 सदस्यीय कार्य समिति का गठन किया था जिसमें 23 सदस्य, 18 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। इस सूची में कई वरिष्ठ नेताओं को बाहर कर दिया गया है।