प्रदेश के डिपुओं में बढ़ी तेल की क़ीमतों और मंहगाई पर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने केंद्र और प्रदेश सरकारों पर हमला बोला। पूर्व मंत्री ने कहा कि ‘केंद्र सरकार ने आम जनता को महंगाई से त्रस्त करने के लिए पेट्रोलियम तेल पकड़ा है तो हिमाचल सरकार ने खाद्यान तेल। रिजर्व बैंक से पैसा लेना और महंगे तेल के पीछे विकास करवाने के लॉजिक बताना दिखाता है कि सरकार ने आय के हर साधन धंधों को चोपट कर दिया है। और अब आम जनता की जेब में हाथ डालकर पैसा निकलवाने की जगह कोई चारा इस सरकार के पास नहीं बचा है।’
बता दें कि देश प्रदेश में महंगाई इस कदर बढ़ चुकी है कि आम आदमी को जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। एक तरफ जहां रसोई गैसे से लेकर डिपुओं में मिलने वाले खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। कोरोना काल में लोग पहले ही बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं तो वहीं अब दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है।
हालांकि विपक्षी दल समय समय पर महंगाई और बेरोजगारी को लेकर आवाज उठाते रहते हैं बावजूद इसके सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। अब प्रदेश के डिपुओं में मिलने वाला खाद्य तेल 14 रुपये महंगा हो गया है। बताया जा रहा है कि सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन के टेंडर में खाद्य तेल की दर 163 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 177 रुपये प्रति लीटर निर्धारित हुई है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 18.50 लाख कार्ड धारकों पर महंगाई की मार पड़ने वाली है।