पॉलिटिक्स

विपक्ष ने कर्ज को लेकर उठाए सवाल, CM बोले- कर्ज के बिना नहीं चल सकती सरकार

हिमाचल प्रदेश सरकार कर्ज़ की बैशाखियों के सहारे चली हुई है। राज्य पर कर्ज बढ़कर 63200 करोड़ रुपए हो गया है। इस पर लंबे समय से सत्ता पक्ष एवं विपक्ष एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया। आज बजट पर चर्चा शुरू हुई तो विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने बजट को लेकर चर्चा में बोलना शुरू किया। मुकेश अग्निहोत्री ने इस दौरान बजट को झूठ के आंकड़ों का मायाजाल करार दिया। इस पर सदन में मुख्यमंत्री को भी अपनी चेयर से उठकर सफ़ाई देनी पड़ी।

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि ये सरकार की विदाई का बजट है। जिसमें झूठे सब्जबाग दिखाए गए हैं। 80 पन्नों का बजट झूठ के आंकड़ो का दस्तावेज है। जिसमें कर्मचारी से लेकर आम आदमी को ठगने का प्रयास किया गया है। सरकार कर्ज़ पर कर्ज ले रही है। सेशन के बाद 31 मार्च तक सरकार 6276 करोड़ रुपए कर्ज़ लेगी ओर सरकार पर 70 हज़ार करोड़ का कर्ज़ हो जाएगा। जाते जाते ये सरकार 85 हज़ार करोड़ का कर्जा ले लेगी। महंगाई चरम पर है बेरोजगारी बढ़ रही है। जिसका जिक्र तक मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में नही किया।

वहीं, विपक्ष के हमले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री बहुत जल्दबाज़ी में है। कांग्रेस में नेता बनने की होड़ लगी है। अभी तक पता नहीं है 2022 के लिए कौन नेता होगा। कर्ज़ को लेकर विपक्ष के नेता झूठे आंकड़े दे रहे हैं। कभी 70 हज़ार करोड़ कर्ज तो कभी 80 हज़ार करोड़ के कर्ज की बात करते हैं। जबकि वास्तविकता बिल्कुल अलग है। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में तो 28 हज़ार करोड़ का कर्ज लिया। उन्होंने ये भी माना कि कर्ज के बिना सरकार नहीं चल सकती इसलिए सरकार चलाने के लिए कर्ज़ लेना पड़ेगा। सरकार ने आम जनता के लिए बजट दिया है 2022 में दोबारा भाजपा सत्ता में आएगी जबकि कांग्रेस बाहर ही रहेगी।

बता दें कि 1992 तक शांता कुमार के मुख्यमंत्री रहने तक प्रदेश में कोई कर्ज़ का बोझ नहीं था। लेकिन बाद की सरकारों ने प्रदेश को जो कर्ज़ में डुबोना शुरू किया उससे प्रदेश आज तक नही उभर पाया। हिमाचल की नाजुक आर्थिक स्थिति की पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो वर्ष 2012 में जब प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता छोड़ी थी तो हिमाचल प्रदेश पर 28,760 करोड़ रुपए का कर्ज था।

उसके बाद वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय यह कर्ज बढ़कर 47,906 करोड़ रुपए हो गया। यानी क़रीब 20 हज़ार करोड़ का कर्ज़ प्रदेश को चलाने के लिए वीरभद्र सिंह की कांग्रेस पार्टी को लेना पड़ा। मौजूदा जयराम सरकार भी क़रीब 63200 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। हो सकता है जाते जाते कर्ज में वीरभद्र सिंह सरकार को पछाड़ कर जाए।

 

Samachar First

Recent Posts

ध्रोबिया में सड़क निर्माण से खुशी की लहर, पूर्व विधायक काकू ने दिया विकास का संदेश

Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…

13 hours ago

पर्यटन निगम को राहत: 31 मार्च तक खुले रहेंगे 9 होटल, हाईकोर्ट का फैसला

High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…

14 hours ago

एनसीसी दिवस: धर्मशाला कॉलेज में 75 यूनिट रक्तदान, नशा मुक्ति का संदेश

NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…

14 hours ago

शनिवार से कुंजम दर्रा यातायात के लिए पूरी तरह बंद , नोटिफिकेशन जारी

Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…

14 hours ago

महाराष्ट्र-झारखंड नतीजों के बीच शिमला में राहुल और सोनिया गांधी

Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…

15 hours ago

मां का खौफनाक कदम: दो बच्चों की हत्या कर खुदकुशी करनी चाही पर नहीं आई मौत

Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…

15 hours ago