एक तरफ केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर एक्साईज ड्यूटी घटाकर वाहवाही लूट रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे मोदी सरकार की बाजीगरी करार दे रही है. वहीं, दूसरी ओर हिमाचल कांग्रेस ने तो एक कदम और आगे निकलते हुए पेट्रोलियम की कीमतों पर जयराम सरकार को घेर लिया. कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने हिमाचल सरकार को वैट कम नहीं करने को लेकर आड़े हाथों लिया है. प्रतिभा सिंह ने प्रदेश सरकार से मांग की है प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों गैस सिलेंडर पर से भी वैट कम कर लोगों को बढ़ती महंगाई से राहत दे.
कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “देश मे बढ़ती महंगाई का मूल कारण तेल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी ही रही है, जबकि इसके दामों में और कमी करने की जरूरत है. आज मोदी सरकार को 7 सालों के बाद जन कल्याण की चिंता सताने लगी है. उन्होंने महंगाई कम करने के साथ ही रोजगार देने का वादा किया था लेकिन राहत देने के बजाय महंगाई को बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को सामने देख मोदी सरकार ने देश के लोगों को लुभाने का असफल कोशिश की है।”
इसी दौरान प्रतिभा सिंह ने वैट का मसला भी उठाया और कहा कि राज्य सरकार वैट को कम कर लोगों को और राहत देने की कोशिश करे. गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करने के बावजूद अभी भी कीमतें पिछले 2 महिने के स्तर पर टिकी हुई हैं. क्योंकि, पिछले दो महिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई और उसके मुकाबले कम हुई कीमतें कोई खास राहत देने वाली नहीं हैं. लिहाजा, इस दौरान महाराष्ट्र, राजस्थान और केरल ने केंद्र के अलावा अपने स्तर पर वैट में कमी कर लोगों को राहत देने की कोशिश की है.
हालांकि, हिमाचल की जयराम सरकार ने उपचुनाव के तुरंत बाद वैट में कमी की थी. तब पूरे देश में तेल की कीमतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ था. उस दौरान वैट में कमी करने वाले राज्यों में हिमाचल आगे थे. लेकिन, जब पहले के मुकाबले आज भी तेल की कीमतों में आग लगी हुई है… तो एक बार फिर जनता प्रदेश सरकार की ओर उम्मीद लगाए बैठी है और इसी के बरक्स राजनीतिक दल भी जयराम सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं.