बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने वीरभद्र सरकार को फिर से 'माफियाओं की सरकार' करार दिया है। समाचार फर्स्ट से बातचीत में सत्ती ने बताया कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने कई बार साबित किया है कि उसकी कमान भू-माफियाओं के हाथ में है। उन्होंने इसके लिए चाय-बगानों के नियमों में होने वाले संशोधन का हवाला दिया।
गौरतलब है कि चाय बागानों की ज़मीनों को दूसरे कमर्शल इस्तेमाल के लिए वीरभद्र सरकार बागान मालिकों को तोहफा देने जा रही है। इसके लिए मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में फैसला होना है। लेकिन, सिलिंग एक्ट 1972 के चलते यह प्रावधान है कि चाय बागान की जमीनें दूसरे कार्यों में इस्तेमाल नहीं की जा सकती हैं। हालांकि, इसमें संशोधन का अधिकार भी राज्य के पास है। लेकिन, चुनाव से ठीक पहले एक्ट में संशोधन से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
सत्ती ने कहा कि सरकार यह प्रस्ताव भू-माफियाओं को रिलैक्सेशन देने के लिए ला रही है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले में ख़ासकर पालमपुर में चाय बागान के मालिकों ने अधिकांश जमीनों को गैर-कानूनी तरीके से बेच दिया है। कहीं कॉलोनी बनी हैं तो कहीं होटल बनाए गए हैं। जिन्होंने वहां ज़मीन खरीदी है या घर खरीदे हैं उनका कानून रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। इससे साफ पता चलता है कि सरकार अपने भू-माफियाओं का रास्ता साफ करने के लिए कैबिनेट में इस प्रस्ताव को ला रही है।
इसके अलावा मनकोटिया ने भी वीरभद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ने इस मामले में 'अंडर द टेबल' की बात होने का आरोप जड़ा है। मनकोटिया ने कहा कि सरकार को यह लोगों को बताना होगा कि कौन से तीन बागान मालिक हैं, जिनके लिए नियमों में ढील दी जा रही है।