<p>हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में 'राग सिरफुटौव्वल' जारी है। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की विधायक राजेंद्र राणा के चंडीगढ़ स्थित आवास पर की गई बयानबाजी पर कांग्रेस संगठन वॉक-ओवर देने के बिल्कुल मूड में नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर वीरभद्र सिंह की टिप्पणी को पीसीसी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आलोचनाओं के घेरे में ले लिया है। सुक्खू ने साफ-साफ लहजे में कहा है कि अगर वीरभद्र सिंह ने पार्टी हाईकमान के खिलाफ टिप्पणी की है तो यह अनुशासनहीनता है। पाठकों से निवेदन है कि यह पूरी रिपोर्ट सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें, क्योंकि पहली बार पीसीसी अध्यक्ष ने एक साथ कई तल्ख टिप्पणियां वीरभद्र सिंह के खिलाफ की हैं…</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>'पार्टी से बढ़कर नहीं है वीरभद्र सिंह'</strong></span></p>
<p>कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वीरभद्र सिंह पार्टी से बड़े नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि हाईकमान के खिलाफ टिप्पणी अनुशासनहीनता है। वह खुद इस मामले में वीरभद्र सिंह के पास जाकर बात करेंगे। सुक्खू ने कहा कि कोई भी शख्स राजनीति में बड़ा नहीं होता, बल्कि पार्टी सर्वोपरि होती है। वीरभद्र सिंह को 6 बार मुख्यमंत्री पार्टी ने ही बनाया था। सातवीं बार के लिए सीएम कैंडिडेट का ऐलान भी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ही किया था। </p>
<p>सुक्खू ने वीरभद्र सिंह पर तल्ख तंज कसते हुए कहा कि अगर पार्टी चुनाव हार जाए तो दोष हाईकमान और जीत जाए तो उसका क्रेडिट खुद पर लेना यह एक गलत प्रथा है। हार-जीत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इसमें किसी पर दोषारोपण नहीं होना चाहिए। हारने के बाद टिकट आवंटन को गलत ठहराना भी उचित नहीं है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस मजबूत है, उस पर अपना एकाधिकार जमाए रखने के लिए वीरभद्र सिंह अक्सर मीडिया में भ्रामक बयानबाजी करते हैं।</p>
<p>कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दूसरों पर अपनी गलतियों का दोष मढ़ना भी पूर्व सीएम की पुरानी आदत है। बीते छह महीने से अकेले वही बयानबाजी कर रहे हैं, बाकि 99 फीसदी कांग्रेस प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए एकजुट हैं। पार्टी धरातल तक मजबूत है, लेकिन अगर वीरभद्र सिंह इसी तरह बयानबाजी करते रहे तो जरूर कमजोर होगी।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>मनोनित अध्यक्ष पर भी सुक्खू की ललकार</strong></span></p>
<p>जैसा की वीरभद्र सिंह अक्सर सुखविंदर सिंह सुक्खू पर मनोनित अध्यक्ष होने की बात कहते रहे हैं। सुक्खू ने उनके इस दलील पर भी पलटवार किया है। पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि वीरभद्र सिंह को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह भी इसी पार्टी के मनोनित अध्यक्ष रहे हैं। इसी पार्टी ने सांसद बनाया और केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे।</p>
<p>सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने हमेशा बड़े नेताओं का विरोध किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम और उनके बेटे अनिल शर्मा उन्हीं की वजह से पार्टी छोड़ दिए। इतना ही नहीं पार्टी की पूर्व अध्यक्षों विद्या स्टोक्स, विप्लव ठाकुर, कौल सिंह, सत महाजन और नारायण चंद पराशर का भी विरोध किया।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>वीरभद्र सिंह ने किए गलट टिकटों के आवंटन</strong></span></p>
<p>पीसीसी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरभद्र सिंह पर गलट टिकटों के आंवटन के भी आरोप लगाए। उन्होंने नसीहत भरे लहजे में कहा कि वीरभद्र सिंह को याद रखना चाहिए कि सीएम रहते उन्होंने कभी भी सरकार को रिपीट नहीं कराया। उनका व्यक्ति विशेष और राहुल गांधी की कार्यप्रणाली पर सवाला उठाना अनुचित है। वीरभद्र सिंह ने बीते चुनाव में 68 में से 56 टिकटें बांटी थी। उनमें से कितने उम्मीदवार जीतकर आए। वीरभद्र सिंह ने सीएम रहते 2014 के लोकसभा चुनाव का टिकट वितरण किया। मंडी संसदीय क्षेत्र से प्रतिभा सिंह और अन्य उम्मीदवार चुनाव हारे। क्या उनकी पत्नी भी गलत टिकट आवंटन के कारण हारी? क्या सरकार के आधे से ज्यादा मंत्री भी गलत टिकट वितरण की वजह से ही हारे?</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>सार्वजनिक जगहों पर वीरभद्र बंद करें बयानबाजी</strong></span></p>
<p>सुक्खू ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय वीरभद्र सिंह ने अपने चहेतों को चेयरमैन-वाईस चेयरमैन बनाया था। विधानसभा चुनाव में उनकी अपने ही बूथ पर जमानत जब्त हो गई और मात्र 8 से लेकर 150 तक वोट पड़े। शिमला नगर निगम चुनाव में पूर्व सीएम के गृह विधानसभा क्षेत्र शिमला ग्रामीण के वार्ड से भी पार्टी के उम्मीदवार नहीं जीत पाए। उन्होंने कहा कि वह वीरभद्र सिंह से आग्रह करते हैं कि वे अपनी बात सार्वजनिक मंच के बजाए पार्टी प्लेटफार्म पर रखें।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>वीरभद्र सिंह पर सुक्खू ने दागे कई सवाल </strong></span></p>
<p>सुक्खू ने वीरभद्र सिंह को कुछ जरूरी सुझाव भी दिए हैं और कुछ सवाल भी किए हैं…</p>
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<li>वीरभद्र सिंह जी, आप जिस तरह से पार्टी अध्यक्ष बने, मैं भी उसी तरह से अध्यक्ष बना हूं। आप कब और किसके खिलाफ चुनाव लड़कर अध्यक्ष बने? एआईसीसी व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास आज तक इसका रिकॉर्ड नहीं है।</li>
<li>सीएम रहते आपने ही लोकसभा, विधानसभा चुनावों व उपचुनावों में टिकट बांटे। बावजूद इसके पार्टी हारी। क्या प्रतिभा सिंह को भी टिकट देना गलत निर्णय था?</li>
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<div dir=”auto”><span style=”color:#c0392b”><strong>वीरभद्र सिंह के सामने ही भिंड़ गए कांग्रेसी नेता</strong></span></div>
<div dir=”auto”>ये मामला थोड़ा सुक्खू के बयानों से जुदा है। लेकिन, पार्टी की हकीकत बयान करने के लिए काफी है। कुटलैहड़ विधानसभा में आयोजित कांग्रेस की एक बैठक बगावत में तब्दील हो गई। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की मौजूदगी में ही कार्यकर्ता अपने में लड़ बैठे। यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है. आप भी देखिए और उचित लगे तो शेयर भी कर दीजिए…</div>
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