सदन में खेल विधेयक पर विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच पूर्व सरकार द्वारा पारित खेल विधेयक को वापिस ले लिया गया। पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने आज इस विधेयक को वापिस लेने का प्रस्ताव सदन में रखा, जिसे चर्चा के बाद घ्वनिमत से पारित किया गया। इससे पहले जब खेल मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया तो विपक्षी सदस्यों ने भारी शोरगुल और नारेबाजी की।
दरअसल, पिछली सरकार ने वर्ष 2015 में इस विधेयक को विधानसभा में पारित किया था। लेकिन राज्यपाल की मंजूरी न मिलने पर यह राजभवन में लटका था, जिसे इसे आज वापिस ले लिया गया।
वहीं, विपक्षी सदस्यों ने खेल विधेयक को वापिस लेने का पुरजोर विरोध किया और सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि किन वजहों से खेल विधेयक को वापिस लिया जा रहा है। विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि किसी भी विधेयक को वापिस लेने से एक दिन पहले इसे विधायकों को सर्कुलेट किया जाना चाहिए था। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। विधेयक वापिस लेने से पहले सरकार को इसकी वजह भी बतानी पड़ेगी अन्यथा नियमों के तहत यह वापिस नहीं होगा।
खेल संघों पर एक परिवार का कब्ज़ा: राम लाल ठाकुर
कांग्रेस के राम लाल ठाकुर ने भी खेल विधेयक पर सरकार को घेरा और कहा की आज प्रदेश में खेल संघों पर एक परिवार का कब्ज़ा हो गया है। अरुण जेटली और अनुराग का नाम लिए बिना रामलाल ठाकुर ने आरोप लगाया की दोनों की युगलबंदी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर झूठे मामले बनाए गए जिन मामलों को वह अभी भी झेल रहे है।