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कांग्रेस का ‘हिसाब दे सांसद, जबाब दे सांसद’ अभियान का तीसरा चरण 11 मार्च से होगा शुरू

पी. चंद |

मंडी में कांग्रेस द्वारा अधिवेशन आयोजित किया गया था। 'हिसाब दे सांसद, जबाब दे सांसद' का पहला चरण सफल रहा है। 15 से 17 फरवरी तक चले इस अभियान के माध्यम से बड़े नेताओं ने बीजेपी के सांसदों से ज़बाव मांगा गया। जब से कांग्रेस ने ये अभियान शुरू किया उसके बाद से बीजेपी के सांसदों में तिलमिलाहट देखने को मिली। सांसदों ने यहां तक कहा कि कांग्रेस पार्टी को हिसाब मांगने का हक़ नहीं है।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि सांसदों से जनता के साथ विपक्ष भी जबाब मांग सकता है। कांग्रेस सांसदों के अच्छे बुरे कार्यो का लेखा मांग रही है। अब सांसदों ने जो भी कार्य किए है उनका हिसाब दें।

    अधिवेशन में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

  • हिमाचल सरकार दो माह बाद भी अपनी मंशा जाहिर नहीं कर पाई है।
  • बीजेपी धारा 118 के सरलीकरण की बात कह कर हिमाचल की जमीन को बेचने के फिराक में है। मुख्यमंत्री धारा 118 को लेकर जल्दबाज़ी में क्यों है?
  • कांग्रेस नें प्रस्ताव पारित कर 118 से छेड़छाड़ के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का मन बनाया है।
  • कानून व्यवस्था को बीजेपी ने चुनावों में मुद्दा बनाया। बीजेपी अब जबाब दे कि गुड़िया मामला आज तक सुलझ क्यों नहीं पाया।
  • सरकार बदलने के बाद भी मर्डर हुए बच्चियों के साथ दुष्कर्म भी हुए है अब कानून व्यवस्था कहां है। कांग्रेस बीजेपी से इनका जबाव मांग रही है।
  • बीजेपी सरकार का भगवाकरण कर रही है कांग्रेस ये बर्दाश्त नहीं करेगी। पिछले 6 महीनों से हिमाचल में सूखे की स्थिति है। उसको लेकर सरकार किसानों को मुआबजा दे।

नरेश चौहान ने बताया कि 11 मार्च से ऊना जिला के कुठलेहड़ से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू की  अध्यक्षता में हिसाब दे सांसद, जबाब दे सांसद के तीसरे चरण की शुरुआत की जाएगी। इस अभियान के तहत लोकसभा के चुनावों तक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष हर ब्लॉक में जाकर जनता को बीजेपी की जन विरोधी नीतियों से अवगत करवाएंगे।