शनिवार का दिन आखिरकार हिमाचल कांग्रेस के लिए सुकून भरा दिन साबित हुआ। क्योंकि, पार्टी के दो बड़े दिग्गजों ने सीज़फायर का ऐलान कर दिया। एक दूसरे की तल्ख टिप्पणियों से डिरेल्ड हुई संबंधों की गाड़ी फिर से पटरी पर आ गई है। दोनों नेता जीएस बाली और वीरभद्र सिंह ने एक दूसरे के बयानों को भूल फिर से एकजुट होने की बात कही है।
क़रीब 4 घंटे के दौरान दोनों नेताओं के बीच चार बार बैठकें हुईं। इस दौरान गई अहम मुद्दों पर विमर्श भी हुए और हल भी निकाले गए। लेकिन, मुलाक़ात का एक बड़ा हिस्सा एक दूसरे के गिले-शिकवों पर ही केंद्रित रहा। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान परिवहन एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री जीएस बाली ने सीएम के उन बयानों का जिक्र किया जिनसे वे आहत थे। इसके अलावा वीरभद्र सिंह ने भी बाली को उनके बयानों का हवाला दिया। दोनों के बीच काफी देर तक बयानों को लेकर ही रार ठनी रही। हालांकि, बाद में इन नेताओं ने अपने 40 साल के संबंधों को सबसे बड़ा बताया और मनमुटाव को दरकिनार करने की बात पर सहमत हुए।
दोनों नेताओं ने माना कि 'संवादहीनता' यानी कम्युनिकेशन गैप की वजह से कई बातों ने विवाद का रूप इख़्तियार कर लिया। यही वजह है कि गलतफहमी दूर होने में उनके पुराने राजनीतिक एवं निजी रिश्तों की बड़ी भूमिका बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि बातचीत का एक बड़ा हिस्सा इन नेताओं के पुराने बयानों की समीक्षा में गुजर गया। आरोप-प्रत्यारोप वाले बयानों को लेकर भी काफी लंबी बातचीत हुई। लेकिन, भविष्य को देखते हुए और पार्टी को विषम परिस्थिति से निकालने के लिए दोनों ने आपसी मनमुटाव को किनारे रखना उचित समझा। हालांकि, चुनाव में नेतृत्व संबंधी मामलों पर क्या बात हुई इस पर कुछ छनकर बाहर नही आ पाया है।