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क्यों हमेशा दिलों में कायम रहेंगे GS बाली? सदन में नेताओं ने दी मिसाल

हिमाचल प्रदेश के विधानसभा सत्र का पहला दिन जीएस बाली के संस्मरणों से भर गया. सदन के भीतर पेश शोक प्रस्ताव पर बोलते हुए सीएम जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री समेत तमाम नेताओं ने जीएस बाली की कर्मठता और उनके विजन को फिर से याद किया. सभी के भाषणों में एक बात समान थी कि जीएस बाली की छवि एक तेज-तर्रार नेता के साथ-साथ आजात शत्रु वाली रही. उन्होंन पार्टी लाइन से हटकर बिना भेद-भाव सभी के लिए काम किया. युवाओं और बेरोजगारों की लड़ाई लगातार लड़ते रहे.

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जीएस बाली के साथ-साथ पूर्व विधायक बोधराज और डॉक्टर शिव कुमार के लिए शोक प्रस्ताव सदन में पेश किया गया. साथ ही सीडीएस बिपिन रावत के भी आक्समिक निधन पर विधानसभा में शोक जाहिर किया गया.

विधानसभा स्पीकर विपिन परमार 

विधानसभा के स्पीकर विपिन परमार ने पूर्व मंत्री जीएस बाली की शख्सियत को एक विजनरी नेता के तौर पर रेखांकित किया. उन्होंने शोक प्रस्ताव पर अपने विचार रखते हुए कहा कि जीएस बाली आने वाली पीढ़ियों और तात्कालिक सोच वाले आदमी थे. उनका व्यवहार हमेशा मित्रवत रहा. 1998 में हम एक ही बैच के थे. उन्होंने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी के लिए काम किए. स्पीकर ने अपने संबोधन में कहा कि जीएस बाली स्की विलेज जैसी बेहतरीन योजना को लेकर आए थे. लेकिन, वहां आदोलन खड़ा हो गया और यह प्रॉजेक्ट पूरा नहीं हो पाया. विपिन परमान ने मंत्री रहते हुए जीएस बाली के कार्यकाल में हुए टेक्निकल एजुकेशन, टूरिज्म, परिवहन और खाद्य आपूर्ति के क्षेत्र में हुए विकास कार्यों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे पहले वॉल्वो बसों का संचालन, महिलाओं के लिए अलग बस, तमाम रूटों पर नई बसें और स्मार्ट कार्ड जैसी योजनाए बाली जी लेकर आए. जो बात उनके मन में होती थी वही वाणी में होती थी.  जिस विधानसभा क्षेत्रे के प्रतिनिधि थे, वहां पर तमाम अच्छे संस्थान खड़े किए. मैं उनके पड़ोस के क्षेत्र से आता था. हमेशा एक अच्छे साथी और पड़ोसी के नाते मुझे अच्छे सलाह देते थे.

जीएस बाली के लिए क्या बोले CM जयराम ठाकुर ?

शोक प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व मंत्री जीएस बाली की शख्सिय का खास तौर पर जिक्र किया. उन्होंने जीएस बाली को निधन को प्रदेश के लिए अपूर्णीय क्षति करार दिया. सीएम ने कहा कि

सदन में शोक प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व विधायक बोधराज, पूर्व मंत्री गुरमुख सिंह बाली, डा शिवकुमार के निधन को प्रदेश व विधानसभा के लिए अपूरणीय क्षति बताया। जयराम ठाकुर ने कहा कि वे एक जिंदादिल इंसान थे और विधानसभा के चार बार सदस्य रहे। सीएम ने कहा कि बाली अलग तरह के व्यक्तित्व के व्यक्ति थे, 1998 में पहली बार चुनकर चुनकर आए थे। सरकार में परिवहन और खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री पद पर रहे। वह हमेशा नया करने का प्रयास करते थे। समाज के लिए भी कुछ हटकर करते रहना उनकी आदत थी। बीमार रहते हुए भी उन्होंने मुझे कई बार फोन किया और हालचाल पूछा।

मुकेश अग्निहोत्री

मुख्यमंत्री के अलावा तमाम सदस्यों ने जीएस बाली को याद करते हुए अपनी बाते रखी. इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जीएस बाली के तमाम कार्यों का जिक्र किया. जिसमें परिवहन, एजुकेशन और टूरिज्म के क्षेत्र में उनके अनूठे योगदान के बारे में बताया. अग्निहोत्री ने कहा कि जीएस बाली जब पहली बार ट्रांसपोर्ट मंत्रालय का जिम्मा संभाला तब एक घाटे में चल रही सर्विस को मुनाफे का सौदा बनाया. इसके बाद वॉल्वो और इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कराया. HRTC की फ्लीट को 2600 से बढ़ाकर 3600 कर दिया. बसों में अपना निजी नंबर लिखवा दिया. जहां आम आदमी डायरेक्ट उनसे अपनी शिकायत दर्ज कराते थे. टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र में अपने विधानसभा क्षेत्र में काफी काम किए. बिलासपुर को हाईड्रो इंजीनिरिंग कॉलेज दिया.

अग्निहोत्री ने उनकी एक सबसे महत्वाकांक्षी योजना जो रोजगार के लिए लिहाज से जबरदस्त थी. उसका जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जीएस बाली स्की विलेज की योजना ला रहे थे. जिसके चलते हिमाचल के टूरिज्म में क्रांतिकारी बदलाव देखा जाता. लेकिन, स्थानीय विरोध और रुकावटों के चलते यह योजना लागू नहीं हो पाई. उन्होंने साथ ही साथ बाली के निजी व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा कि वे विधानसभा में जब भी आते थे तो अपने साथ 10 से 20 लोगों का खाना उनके घर से आता था और वो तमाम लोगों के साथ खाना खाते थे. उन्होंने एक शो रूम में कोट खरीदने का भी जिक्र किया जब जीएस बाली ने एक की बजाय 6 साथी नेताओं के लिए कोट पैक करा दिया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जीएस बाली बेरोजगारो की लड़ाई लड़ने वाले शख्स थे.

महेंद्र सिंह ठाकुर

जलशक्ति एवं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने जीएस बाली के बारे में कहा की उनकी शख्सियत पार्टी लाइन से ऊपर थी. हर दल के लोगों के साथ उनका सहयोग था. वे हर किसी को कंस्ट्रक्टिव सुझाव देते थे. एक निर्भिक व्यक्ति थे और अपनी बातों के लिए अड़ जाते थे. यहां तक कि उसूलों के चलते अपनी भी पार्टी में मुद्दों के लेकर अड़ जाते थे. उन्होंने कहा कि जीएस बाली ने बिना भेद-भाव सभी का काम किया. इसके लिए उन्होंने निजी तौर पर मांगी गई मदद को भी पूरा करने की बात का जिक्र किया.

रामलाल ठाकुर

सदन में पूर्व मंत्री और अपने सहयोगी जीएस बाली को याद करते हुए कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने उन्हें युवाओं की आवाज उठाने वाला नेता बताया. ठाकुर ने कहा कि जीएस बाली ने कैबिनेट हो या विधानसभा. युवाओं का मसला उन्होंने हर मोर्चे पर मजबूती से उठाया. बेरोजगारी के मसले पर काफी काम किए. उनकी शख्सियत और काम करने की क्षमता ऐसी थी कि देश भर में दूसरे दलों की सरकारें चर्चा करती थीं. उन्होंने जीएस बाली की इलेक्ट्रिक बस शुरू करने की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस पहल की सराहना केंद्रीय ट्रांसपोर्ट मंत्री ने संसद में की. हिमाचल के एक नेता की चर्चा देश की संसद में हो इससे हमारे प्रदेश और हमारी विधनासभा का गौरव बढ़ता है. जीएस बाली ने न सिर्फ अपने चनाव क्षेत्र बल्कि पूरे हिमाचल के बारे में विचार किया और काम किया. उनकी निर्भिकता से कांग्रेस और बीजेपी दोनों परिचित थे. ऐसे व्यक्ति का जाना कांगड़ा जिला और पूरे हिमाचल के लिए बड़ी क्षति है.

सुरेश भारद्वाज
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पूर्व मंत्री जीएस बाली के राजनीति से पहले की बातों का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि जीएस बाली राजनीति में नहीं रहते हुए भी दिल्ली में रह रहे हिमाचलियों की मदद करते थे। तमाम संस्थाओं को जोड़कर उन्होंने एक सोशल वेलफेयर मंच बनाया था और हर किसी की मदद करते पाए जाते. उनका मिजाज ऐसा था कि वह सभी के लिए फिक्रमंद और सभी का काम करते नजर आते थे. बिना भेदभाव सभी का काम करते थे. राजनीति में वे हमेशा युवाओं की लड़ाई लड़ते रहे.

राकेश पठानिया
खेल एवं वन मंत्री राकेश पठानिया ने जीएस बाली के फंक्शनल क्वाल्टी का जिक्र किया. उन्होने कहा कि परिवहन मंत्री रहते हुए जीएस बाली ने वॉल्वो बसों में अपना नंबर लिखवा दिया. मैंने उन्हें देर रात फोन किया ताकि पता चले कि यह नंबर चलता भी है या नहीं. लेकिन, मैं हैरान था कि मैंने एक फोन किया और बाली साहब ने मेरा कॉल उठा लिया. पठानिया ने कहा कि जीएस बाली ने एक छोटे से समय में काफी काम किए और दुनिया में पहचान बनाई. पठानिया ने जीएस बाली के अंतिम दर्शन और उनके दाह-संस्कार में उमड़ी भीड़ का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से जनता ने उन्हें अंतिम विदाई दी वो भी ऐतिहासिक है. लोगों का हुजूम दर्शा रहा था कि बाली ने लोगों के दिलों कैसी जगह बनाई थी. वो कांगड़ा और हिमाचल की शान थे.

रोहित ठाकुर
जुब्बल कोटखाई से कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर ने कहा कि जीएस बाली जिंदादिल इंसान थे. उन्होंने अपनी एक छाप छोड़ी है. आज बेशक वे हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके काम हमेशा हमारे बीच रहेंगे. जीएस बाली ने मेरे विधानसभा के दूरदराज के इलाकों तक बस पहुंचाई. खड़ा पत्थर में होटल नहीं बन रहा था. जब मैंने इस बारे उनसे बात की तो उन्होंने तुरंत इसकी मंजूरी दे दी. पीडीएस सिस्टम में भी उनका बड़ा योगदान रहा है. 1993 से लेकर 2011 तक मैने उनके साथ काम किया। मंत्री पद उन्होंने दिल्ली से लिया. राजा साहब ने सबसे घाटे वाला मंत्रालय उनको दिया लेकिन बाली जी ने उस मंत्रालय का मुनाफा बनाया. यहां तक कि उन्होंने अपने नंबर बसों में लिख दिए ताकि कोई भी यात्री उनसे सीधा संपर्क बना सके. यही नहीं हिमाचल में सबसे पहले तकनीकी शिक्षा भी जीएस बाली ही लेकर आए थे.

लखविंदर सिंह राणा
नालागढ़ के विधायक लखविंदर सिंह राणा ने कहा कि बाली जी तुरंत फैसला लेते थे. किसी के भी साथ उनका भेदभाव नहीं था. वे हर किसी के काम को करने का प्रयास करते थे. विधानसभा हो या कांग्रेस की आंतरिक बैठक वे हमेशा अपनी बाद दमखम के साथ रखते थे. नालागढ़ की आईटीआई को मॉर्डन आईटीआई का दर्जा भी उन्होंने ही दिलाया था. उन्होंने ही बीबीएन के बस अड्डा को हाई क्लास बनवाया था.

विशाल नैहरिया
धर्मशाला से भाजपा विधायक विशाल नैहरिया ने सदन के अंदर जीएस बाली के बारे में बोलते हुए कहा कि जीएस बाली जी के पास किसी भी पार्टी या संगठन के कोई जाता था तो वे उसका काम करते थे. युवाओं के लिए बाली जी ने बहुत काम किए हैं. उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में टेक्निकल एजुकेशन को स्थापित किया. कोई भी चीज या जो कुछ नया दिखाई देता था तो लोग कहते थे कि क्या यह बाली जी की देन है? उन्हें हिमाचल ही नहीं बल्कि देश के लोग जानते थे. उनका मानना था कि यदि हिमाचल में पर्यटन का बढ़ावा देना है तो एडवांस तकनीक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना होगा. उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को लेकर कांगड़ा के लोग उन्हें हमेशा याद रखेंगे.

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