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मैं कौल सिंह का चेला नहीं, कांग्रेस का सिपाही हूं: पूर्णचंद ठाकुर

नवनीत बत्ता |

द्रंग विधानसभा क्षेत्र से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके नेता और जिला परिषद उपाध्यक्ष पूर्णचंद ठाकुर ने कहा कि कौल सिंह कि मैं कौल सिंह का चेला नहीं हूं बल्कि कांग्रेस का कर्मठ सिपाही रहा हूं। उन्होंने पूर्व मंत्री कौल सिंह पर आरोप लगाया कि मंडी जिला से किसी का सीएम बनना उन्हें न पहले रास आया और न ही आज रास आ रहा है। पूर्णचंद ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया है कि पूर्व मंत्री ने उन्हें हमेशा ही नीचा दिखाने का प्रयास किया है।

जिला परिषद उपाध्यक्ष ने पधर में आयोजित पत्रकारवार्ता में सीधे सीधे आरोप लगाया है कि पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने हमेशा ही उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि कौल सिंह मुझे अपना चेला बताने की कोशिश करते हैं  लेकिन मैं उनका चेला नही हूं। पूर्व चंद ठाकुर ने कहा कि वह अपने उन गुरुजनों के चेले हैं जिन्होंने स्कूल में पढ़ाया है बाकि किसी के नहीं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता होने के बावजूद कौल सिंह ठाकुर को ऐसी बातें शोभा नहीं देती। क्योंकि पिछले 35 सालों से अपने घर परिवार को छोडकऱ उनके साथ चलकर मैंने रात दिन काम किया है। 1985 में पहली बार सर्वसम्मति से कटिंडी पंचायत का प्रधान चुना गया उसके बाद तीन बार कटौला और टाण्डु वार्ड से जिला परिषद का चुनाव लड़ा और जीता। लेकिन किसी भी चुनाव में मेरा साथ देने के बजाय कौल सिंह ठाकुर ने मुझे हमेशा ही काटने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि 2010 में मैने जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ा तो पूर्व मंत्री ने मेरे खिलाफ  एक नौजवान को खड़ा कर दिया। 2015 में जब बड़ीधार बार्ड से चुनाव लड़ा तो ठाकुर कौल सिंह सहित पूरी द्रंग कांग्रेस ने मेरे खिलाफ काम किया और मुझे हराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। उन्होंने स्पष्ट किया है कि कौल सिंह ठाकुर मेरे कारण विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं। मुझ पर हार का ठीकरा फोडऩा उनकी संकीर्ण सोच हो सकती है। सही मायने में कौल सिंह पिछले 10 सालों से चाटूकार, चापलूस, मौकापरस्त और चुगलखोर लोगों से घिरे रहे जो उनकी हार का कारण बने।

पूर्णचंद ठाकुर ने आरोप लगाया कि उन्होंने घोघरधार-लांझनू सडक़ के लिए पूर्व की वीरभद्र सरकार और डीसी से पैसा स्वीकृत करवाया। लेकिन, उस सडक़ निर्माण के लिए कौल सिंह ने अड़चन डाली और पैसा लैप्स करवा दिया। इतना ही नहीं वीरभद्र सिंह ने जब लोकसभा का चुनाव लड़ा तो मैं उनका उस वक्त कवरिंग केंडिडेट था तो वहां से भी मेरा पता साफ किया गया। इन्ही सब कारणों के चलते मैने आजाद उम्मीदवार के रूप में  विधानसभा का चुनाव लड़ा और आठ हजार मत हासिल किए और पूरे हिमाचल प्रदेश में तीसरे नंबर पर रहा। लेकिन मेरे ऊपर किसी बड़े नेता का कोई हाथ नही था जबकि अन्य आजाद प्रत्याशियों पर कांग्रेस और विजेपी का हाथ रहा।

पूर्णचंद ठाकुर ने कहा कि जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बने एक वर्ष का समय हो गया है और कौल सिंह उनके खिलाफ बेवजह घटिया ब्यानबाजी कर रहे है जो उनको शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि इससे पहले जब मंडी से मुख्यमंत्री बन रहे थे तो कौल सिंह ने उनका साथ नहीं दिया और आज मंडी से बने मुख्यमंत्री उनको रास नहीं आ रहे हैं।