पारिवारिक जीवन में रहने वाले लोगों को घर में शालीग्राम और एक मुखी रूद्राक्ष नहीं रखना चाहिए. इससे काफी मुश्किलें बढ़ सकती है. घर में कलह-कलेश की स्थिति पैदा होने लग जाती है. इसलिए अगर आप घर में कुछ भी चीजें रखते हैं. तो उसके बारे में अच्छे से जरूर जान लें.
शालीग्राम एक खास पत्थर का होता है. जो बेहद दुर्भल माना जाता है. लोग घरों में इनकी पूजा करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है? समुद्र के किनारे पाए जाने वाले रत्न शालीग्राम की तरह बाजार में बेचे जाते हैं. वहीं इन काले रंग के पत्थर को शालीग्राम बोलकर बेचा करते है. जो शालीग्राम नहीं होता है.
शालीग्राम एक खास पत्थर से बना होता है. अगर शालीग्राम रखने का सही तरीका नहीं जानते हैं. तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं. अब ऐसे में जो लोग पारिवारिक होते हैं या फिर बिना अनुशासन और एकाग्रता के अपने को व्यतीत करते है. उन्हें कभी भी घर में शालीग्राम नहीं रखना चाहिए. अगर वह बिना नियम के शालीग्राम को घर में रखते हैं. तो उन्हें कई तरह की अशांति से गुजरना पड़ सकता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं, कई ऐसे परिवार भी हैं, जहां कई पीढ़ियों के लोग घर में शालीग्राम लेकर आए हैं और वह शालीग्राम का प्रयोग भी सही ढंग से करते हैं और जीवन में सफल होते हैं, साथ ही मरने के बाद वह शालीग्राम को अगली पीढ़ी को सौंप देते हैं, जिन्हें शालीग्राम का प्रयोग सही ढंग से करना नहीं आता है. ऐसे परिवारों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है, उनकी जिंदगी में हमेशा दहशत का माहौल बना रहता है.
अक्सर लोगों को एक मुखी रूद्राक्ष चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि इंसान के खुद कई मुख होते हैं. अगर आप एक मुखी रूद्राक्ष को धारण करते हैं. तो जाहिर सी बात है. आप मुसीबत में जरूर पड़ सकते हैं. आप परेशानियों को खुद बुलावा देते हैं. एक मुखी रूद्राक्ष धारण करने की सोच रहे हैं. तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें. वरना आप बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं.