जानिए कांगड़ा के माता ब्रजेश्वरी शक्तिपीठ का इतिहास और क्यों है विशेष मान्यता?

<p>हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित ब्रजेश्वरी शक्तिपीठ मां का एक ऐसा धाम है, जहां पहुंचकर भक्तों का हर दुख-तकलीफ मां की एक झलक भर देखने से दूर हो जाते हैं। ब्रजेश्वरी देवी धाम 52 शक्तिपीठों में से मां की वह शक्तिपीठ जहां सती का दाहिना वक्ष गिरा था और जहां तीन धर्मों के प्रतीक के रूप में मां की तीन पिंडियों की पूजा होती है। पुराने समय में नगरकोट धाम से मशहूर अब कांगड़ा मां के शक्तिपीठों में से एक है।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(674).jpeg” style=”height:324px; width:743px” /></p>

<p>कहते हैं कि जब मां सती ने पिता द्वारा किए गए शिव के अपमान से कुपित होकर अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए थे, तब क्रोधित शिव उनकी देह को लेकर पूरी सृष्टि में घूमे। शिव का क्रोध शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। शरीर के यह टुकड़े धरती पर जहां-जहां गिरे वह स्थान शक्तिपीठ कहलाए। मान्यता है कि यहां माता सती का दाहिना वक्ष गिरा था इसलिए यहां पर ब्रजेश्वरी धाम शक्तिपीठ में मां के वक्ष की पूजा होती है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>तीन धर्मों के प्रतीक में मां की तीन पिंडियों की होती है पूजा</strong></span></p>

<p>माता ब्रजेश्वरी का शक्तिपीठ अपने आप में अनूठा और विशेष भी है। यहां मात्र हिंदू भक्त ही शीश नहीं झुकाते बल्कि मुस्लिम और सिख धर्म के श्रद्धालु भी इस धाम में आकर आस्था के फूल चढ़ाते हैं। बज्रेश्वरी देवी मंदिर के तीन गुंबद इन तीन धर्मों के प्रतीक हैं। पहला हिंदू धर्म का प्रतीक है, जिसकी आकृति मंदिर जैसी है तो दूसरा मुस्लिम समाज का और तीसरा गुंबद सिख संप्रदाय का प्रतीक है।</p>

<p>तीन गुंबद वाले और तीन संप्रदायों की आस्था का केंद्र कहे जाने वाले माता के इस धाम में मां की पिडियां भी तीन ही हैं। मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित यह पहली और मुख्य पिंडी मां ब्रजेश्वरी की है। दूसरी मां भद्रकाली और तीसरी और सबसे छोटी पिंडी मां एकादशी की है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>पांच बार होती है मां की आरती</strong></span></p>

<p>मां के इस दरबार में पांच बार आरती का विधान है, जिसका गवाह बनने की ख्वाहिश हर भक्त के मन में होती है। कहते हैं जो भी भक्त मन में सच्ची श्रद्धा लेकर मां के इस दरबार में पहुंचता है उसकी कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती। फिर चाहे मनचाहे जीवनसाथी की कामना हो या फिर संतान प्राप्ति की लालसा, मां अपने हर भक्त की मुराद पूरी करती हैं।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>भगवान भैरव की मूर्ति की है विशेषता</strong></span></p>

<p>मंदिर परिसर में ही भगवान भैरव का भी मंदिर है। इस मंदिर में महिलाओं का जाना वर्जित हैं। यहां विराजे भगवान भैरव की मूर्ति विशेष है। कहते हैं कि जब भी कांगड़ा पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो इस मूर्ति की आंखों से आंसू और शरीर से पसीना निकलने लगता है। तब मंदिर के पुजारी विशाल हवन का आयोजन कर मां से आने वाली आपदा को टालने का निवेदन करते हैं। यह ब्रजेश्वरी शक्तिपीठ का चमत्कार और महिमा ही है कि आने वाली हर आपदा मां के आशीष से टल जाती है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>&nbsp;कांगड़ा का इतिहास </strong></span></p>

<p>कांगड़ा पहले नगरकोट के नाम से प्रसिद्ध था। कहा जाता है कि इसे राजा सुसर्मा चंद ने महाभारत के युद्ध के बाद बसाया था। छठी शताब्दी में नगरकोट जालंधर व त्रिगर्त राज्य की राजधानी था। 18वीं शताब्दी में राजा संसार चंद कटोच के राज्यकाल में यहां पर कला कौशल का बोलबाला था। कांगड़ा कलम विश्वविख्यात है और चित्रशैली में अनुपम स्थान रखती है। कांगड़ा किले, मंदिर, बासमती चावल और कटी नाक की दौबारा जोड़ने और नेत्र चिकित्सा के लिए दूर-दूर तक विख्यात था।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>ब्रजेश्वरी मंदिर का इतिहास</strong></span></p>

<p>ब्रजेश्वरी मंदिर इस क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय मंदिर है। कहा जाता है पहले यह मंदिर बहुत समृद्ध था। इस मंदिर को बहुत बार विदेशी लुटेरों द्वारा लूटा गया। महमूद गजनवी ने 1009 ई. में इस शहर को लूटा और मंदिर को नष्ट कर दिया था। यह मंदिर वर्ष 1905 में जोरदार भूकंप से पूरी तरह नष्ट हो गया था। 1920 में इसे दोबारा बनवाया गया।</p>

Samachar First

Recent Posts

महाराष्ट्र में एनडीए की ऐतिहासिक जीत, भाजपा ने रचा नया इतिहास: उषा बिरला

NDA Victory in Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला ने महाराष्ट्र में…

13 hours ago

कंबल को लेकर कैथू जेल में भिड़े दो कैदी, एक गंभीर रूप से घायल

Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…

14 hours ago

सुजानपुर में सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा का शिविर, 45 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण

Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…

15 hours ago

कांगड़ा एयरपोर्ट की 14 फ्लाइट्स रद्द, जानें कारण, क्‍या है समस्‍या और समाधान

Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…

15 hours ago

परिवहन में डिजी लॉकर को मान्यता न देने पर दिव्‍यांग कल्‍याण संगठन ने जताई नाराजगी

DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…

16 hours ago

हमीरपुर में तकनीकी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह में 4801 को मिली डिग्रियां

Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…

16 hours ago