भारत का 1 रूपए का नोट इतिहासों से भरा है, इस नोट से काफी लोगों की यादें जुड़ी हुई है। 1 रूपए का यह नोट ब्रिटिश सरकार के समय में शुरू हुआ था। आज भी कई लोगों के पास यह नोट होगा। आज 1 रूपए के नोट ने अपने 100 साल पूरे कर लिये हैं।
आइए जानते हैं, 1 रूपए के नोट का इतिहास के बारे में….
पहले विश्व युद्ध के दौरान चांदी के पर्याप्त सिक्के ढालने में नाकाम रही ब्रिटिश सरकार ने 1 रुपए के नोट की छपाई शुरू की थी। एक रुपए का पहला नोट 30 नवंबर, 1917 को लंदन से छपकर आया था। इसमें किंग जॉर्ज पंचम की तस्वीर थी।
इस नोट को सन् 1926 में बंद कर दिया गया था,लेकिन बाद में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान 1 रूपए के नोट को फिर शुरू किया गया। इसकी प्रिंटिंग 1994 से फिर बंद कर दी गई, क्योंकि 1 रूपये की कीमत कम होती थी.. और इसकी छपाई में काफी खर्च आता था। मगर बाजार में यह नोट चलता रहा। उसके बाद साल 2015 में मोदी सरकार ने फिर इस नोट की छपाई शुरू करवाई।
1 रूपये की नोट की एक खास बात यह भी है कि इसे भारत सरकार सीधे जारी करती है जबकि अन्य नोट रिज़र्व बैंक जारी करता है। इसी वजह से इन नोटों पर भारत सरकार लिखा पाएंगे और इस पर वित्त मंत्री का हस्ताक्षर भी होता है।