Follow Us:

‘It Can happen only in Himachal’, डबर डेकर बसों में बैठेंगे 260 यात्री

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश में बेशक जो भी सरकारें रही हों, लेकिन कई दफा नई बसें और बसों में नई टेकनोलॉजी लाने की बात की जाती रही है। इसी कड़ी में नई नवेली ये जयराम सरकार भी परिवहन के व्यवस्था को हाई लेवल की करने पर कोई क़सर नहीं छोड़ रही।

हज़ारों प्रयासों के बाद बात आती है हिमाचल में डबल डेकर बस चलाने की। तो दोस्तों डबल डेकर बसों को लेकर बीजेपी का IT सेल क़हता है कि हिमाचल में जल्द ही डबल डेकर बसें चले सकती हैं और इसपर कुल 260 यात्री एक समय पर सफ़र कर सकेंगे। ध्यान से सुनिये जी हां 260… 260 यात्रियों को लेकर डबल डेकर की बस विदेश की तर्ज पर हिमाचल में भी दौड़ेगी। ये देखिये पोस्ट…

इस पोस्ट में देखते साफ़ दिख रहा है कि बीजेपी का IT सेल क्या कहना चाहता है। अब मानते हैं भाई की लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं, लेकिन इतना भी क्या हो गया कि बीजेपी IT सेल को 260 का ही आंकड़ा लिखना पड़ा। इस बात पर जनता ने भी IT सेल को ट्रॉल किया और इससे सरकार और बीजेपी की सोशल मीडिया पर खूब फ़जीहत भी हो रही है। यहां तक कि हिमाचल के कुछ फेसबुक पेज भी इसकी आलोचना कर रहे हैं। देखें कमेंट्स…

 

260 के आंकड़े का अंदरूनी गणित तो श़ायद बीजेपी या फ़िर उनका IT सेल ही जाने, लेकिन हम आपको कुछ चीजें जरूत बताना चाहेंगे। पहली बात तो हिमाचल में एक बस में ज्यादा से ज्यादा 55 या 60 सीटें होती हैं। यानी की मौके पर 55 से 60 यात्री सफ़र कर सकेंगे। रफ़ ऐस्टिमेट के हिसाब से अगर डबल डेकर बस को 2 बसों के हिसाब से भी लेकर चला जाए तो कुल 100 से 120 सवारियां मैक्सिमम आ सकती हैं। लेकिन यहां IT सेल का आंकड़ा डबल डेकर के हिसाब से ही डबल हो रहा है। या फ़िर ख़ड़े रहकर सवारियां ढोने का प्लान होगा।

वहीं, दूसरी बात हिमाचल एक पहाड़ी इलाका है और यहां सड़कें भी तंग हैं। यहां कई जिलों में सड़कें इतनी तंग है कि न तो बस सही से मुड पाती हैं और पास लेने के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। चंबा, किन्नौर जैसे इलाकों में अक्सर छोटी बसें ही भेजी जाती हैं जिससे बस आसानी से निकल सके। वॉल्वों बसों की सर्विस पूरे हिमाचल में नहीं है। इसके साथ ही ये क़हना भी ग़लत नहीं होगा कि हिमाचल में चलने वाली ट्रेन में भी इतनी सीटें नहीं होती होंगी। क्योंकि ये पहाड़ी इलाका है और यहां ट्रेन के डिब्बे 4 या 6 से ज्यादा नहीं होते।

ख़ैर ग़लती बीजेपी की हो या फ़िर उनके IT सेल की। इसपर सरकार की ख़ूब फ़जीहत हो रही है। एक तो पोस्ट पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का फोटो भी लगाया गया है, जिससे साफ़ दिख़ता है की ये नई नवेली सरकार के ही बिठाये लोगों का काम है।