किन्नौर के रिब्बा में जिला स्तरीय 7 दिवसीय फुल्याच मेले का आगाज धूम-धाम से हो गया। इस मौके पर जिला अधिकारी आबिद हुसैन मौके पर पहुंचे और लोगों को बधाई देते हुए कहा कि ये खुशी की बात है आज भी युवा किन्नौर की सदियों पुरानी परंपराओं को लेकर आगे लेकर चल रहे हैं।
किन्नौर अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए प्रदेश में अपनी अलग पहचान रखता है। यहां की रीति-रिवाज,त्योहार और वेश-भूषा के चलते देश के पटल पर किन्नौर की अलग छवि है, गर्व की बात ये है कि किन्नौर में आज की पीढ़ी भी अपनी संस्कृति, त्योहार को बड़े गर्व से आगे लेकर चल रही है और उम्मीद करते हैं ये कारवां आगे भी ऐसे ही चलते रहे।
फुल्याच को फूलों का पर्व माना जाता है क्योंकि देव पूजा के लिए देवता के कारदार किन्नर कैलाश की सुदूर पहाड़ियों से ब्रह्मकमल और धूप लेकर आते हैं और इसी फूल, धूप की कारदार( जो देवता के गुर कहलाते हैं) देवता कांसूराज की पूजा-अर्चना करते हैं और फिर पर्व का आगाज करते हैं, आपको बता दे कि रिब्बा गांव में इस पर्व को मनाने के लिए ग्रामीण गांव से करीब 9 किलोमीटर की ऊंचाई पर जाते हैं और इन 7 दिनों में संगीत, नाच-गान और अलग-अलग तरह के पकवान बनाए जाते हैं। अगर गांव का कोई परिवार इस मेले में अपनी भागीदारी सुनिश्चित नहीं करता है तो उसके खिलाफ जुर्माना होता है।
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