हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के गांव शेरपुर के बीर सिंह बहादुर को उनके बहादुरी और शौर्य के लिए शौर्य चक्र से नवाजा गया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 20 मार्च को नई दिल्ली में रक्षा प्रदर्शनी समारोह-1 में नाईक बीर सिंह को शौर्य चक्र से नवाजा।
21वीं बटालियन पैराशूट रजिमेंट के नाईक बीर सिंह बहादुरी पर पिता लोक बहादुर का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। इस बहादुर बेटे ने अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे हिमाचल का नाम रोशन कर दिया है। गौरतलब है कि नागालैंड के पंगशा इलाके में अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में 28 अगस्त 2015 को अभियान धन पंगशा शुरू किया गया, जिसमे नाईक बीर सिंह उस दस्ते के कमांडर थे।
इन पर विद्रोहियों के वाहनों को घात लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। नाईक बीर सिंह और उनके साथियों की कार्रवाई से आतंकवादी हैरान रह गए और उन पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे।
नाईक बीर सिंह ने भी जबावी पलटवार करते हुए एक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया और उसके 2 साथियों को घायल कर दिया। इस गोलाबारी में नाईक बीर सिंह खुद भी बुरी तरह से घायल हो गए। इसके बावजूद इन्होंने एक और आतंकी को भी मार गिराया।
गंभीर जख्मों की परवाह न करते हुए नाईक बीर सिंह ने न केवल उग्रवादियों को माकूल जवाब दिया, बल्कि अपने दस्ते को भी सुरक्षित रखा। नाईक बीर सिंह को शौर्य चक्र मिलने से पूरे इलाके में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है।