शिमला, ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। BJP के वरिष्ठ विधायकों ने शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात कर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की कथित अनियमितताओं का ‘कच्चा चिट्ठा’ नामक दस्तावेज सौंपा। इस दस्तावेज में मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर आबकारी और कराधान विभाग, जल शक्ति विभाग, और वन विभाग में भ्रष्टाचार की घटनाओं को विस्तार से उजागर किया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय को बताया भ्रष्टाचार का केंद्र
BJP ने सबसे बड़ा आरोप मुख्यमंत्री कार्यालय पर लगाया। पार्टी का दावा है कि कार्यालय में कार्यरत एक अधिकारी ने बिजली बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। आरोप है कि किन्नौर में शोंगटोंग-कड़छम हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनी मैसर्ज पटेल इंजीनियरिंग ने इन अधिकारियों को 25 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। इस घोटाले का खुलासा एक गुमनाम पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई शिकायत से हुआ।
शराब ठेकों की नीलामी में गड़बड़ियां
BJP ने आबकारी विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाए। पार्टी का कहना है कि विभाग ने जिलों के छोटे-छोटे यूनिट को मिलाकर बड़े यूनिट बनाए ताकि कांग्रेस के चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया जा सके। सिरमौर, मंडी, नूरपुर, चंबा और बिलासपुर जिलों में इस रणनीति के जरिए बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया।
HRTC जमीन घोटाले का आरोप
BJP ने एक और बड़े घोटाले का खुलासा करते हुए कहा कि HRTC ने मुख्यमंत्री के करीबी व्यक्तियों से 70 कनाल जमीन 400% अधिक दाम पर खरीदी। यह जमीन फरवरी-मार्च 2015 में मात्र 2.60 लाख रुपये में खरीदी गई थी, लेकिन दिसंबर 2023 में इसे HRTC को 6.72 करोड़ रुपये में बेचा गया। इस घोटाले में मुख्यमंत्री के ओएसडी की भी भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
सुक्खू परिवार को कटघरे में खड़ा किया
BJP ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और उनके परिवार पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। जल शक्ति विभाग के तहत एक परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के एवज में मुख्यमंत्री के परिवार को 18 लाख रुपये का भुगतान किया गया। पार्टी का आरोप है कि इस भुगतान का कुछ हिस्सा सीधे मुख्यमंत्री के खाते में भेजा गया।
भू-घोटाले में मुख्यमंत्री का नाम
पार्टी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने अपने भाई के नाम पर नादौन में 769 कनाल कृषि भूमि खरीदी और बाद में इसकी किस्म बदलकर इसे गैर-कृषि भूमि दिखाया। BJP ने इस मामले में भी मुख्यमंत्री के ओएसडी अनिल मनकोटिया की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
वन माफिया को संरक्षण देने का आरोप
BJP ने वन विभाग पर आरोप लगाया कि प्राइवेट जमीन से पेड़ काटने के लिए चहेतों को लाइसेंस दिए गए। इसके साथ ही, सरकारी जंगलों में अवैध खैर कटान और सरकारी जमीन पर पेट्रोल पंप के लिए लाइसेंस देने की घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है।
लोक निर्माण विभाग और अन्य घोटाले
BJP ने लोक निर्माण विभाग को भी भ्रष्टाचार का अड्डा करार दिया। आरोप है कि विभाग में चहेतों को टेंडर देने के लिए बार-बार निविदाएं रद्द की गईं। भरवाई डिवीजन का एक मामला सामने लाते हुए पार्टी ने कहा कि एक टेंडर को 10 बार रद्द किया गया।
अन्य गंभीर आरोप
BJP ने आरोप लगाया कि कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी के नाम पर प्रभावशाली व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया। इसके अलावा, राशन वितरण और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट में भी बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बताई गईं।
राज्यपाल को सौंपे गए ‘कच्चा चिट्ठा’ में BJP ने इन सभी मुद्दों पर कार्रवाई की मांग की और कांग्रेस सरकार को घोटालों की सरकार करार दिया। पार्टी ने कहा कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
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