सचिवालय के कर्मचारी डीए और एरियर को लेकर मुखर हो गए है और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया साथ ही सरकार पर फजूलखर्ची के आरोप लगा रहे है वही मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी बात अधिकारियों और मुख्यमंत्री के समक्ष रखते हैं और बातचीत से मामला हल हो सकता था लेकिन जिस तरह से कर्मचारियों ने रवैया अपनाया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
कंग्रेस सरकार कर्मचारी हितेषी है सत्ता में आते ही सबसे बड़ा फैसला सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली करने का लिया। जोकि पूरे देश में संभव नहीं था लेकिन सरकार ने जो कर्मचारी से वादा किया था उसे पूरा कर दिया है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नही है जिसे मुख्यमंत्री पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं । पूर्व सरकार द्वारा 75000 करोड़ का कर्ज छोड़ा गया है और 10000 करोड़ की कर्मचारियों की दमदारियां छोड़कर गए हैं। जिससे प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हुआ है और इससे सचिवालय के कर्मचारी भली भांति अभगत भी हैं। कर्मचारियों को अपनी मांग रखने का हक है लेकिन इस तरह से सरकार पर आरोप लगाना और सरकार को कोसना सही नहीं है। कर्मचारियों को चाहिए था कि वह अधिकारियों और मुख्यमंत्री से आकर बातचीत करते।
Himachal snowfall forecast: हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) के सक्रिय होने का पूर्वानुमान…
Rohru road accident: शिमला जिले के रोहड़ू में बीती शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा…
Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त के बिना किसी भी शुभ कार्य की…
Daily horoscope 2024 : चंद्रमा की गणना और सटीक खगोलीय विश्लेषण के आधार पर शनिवार का…
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…
High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…