यूक्रेन मामले पर रूस के साथ पश्चिमी देशों की तनातनी जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित पश्चिमी नेताओं ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
व्हाइट हाउस ने भी इसे लेकर बयान जारी किया है। व्हाइट हाउस ने कहा, जिस तरह से पुतिन ने अपनी सेना का निर्माण किया है और उन्हें यूक्रेन में तैनात किया है, और हमें जो खुफिया जानकारी मिली है, उससे स्पष्ट है कि रूस सैन्य कार्रवाई करेगा। यह काफी तेजी से हो सकता है। पूरी संभावना है कि शीतकालीन ओलंपिक की समाप्ति से पहले ही रूसी सैन्य कार्रवाई होगी। इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बीजिंग ओलंपिक के अंत से पहले यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई और आक्रमण का आदेश देंगे।
साथ ही व्हाइट हाउस ने कहा कि जर्मनी, पोलैंड, आर्मेनिया में तैनात अमेरिकी सैनिक यूक्रेन में रूस से लड़ने के लिए नहीं भेजे जा रहे हैं। वे आक्रमण के खिलाफ नाटो क्षेत्र की रक्षा करने जा रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में क्वाड देशों की बैठक के दौरान अमेरिका के विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा, बीजिंग शीत ओलंपिक के दौरान रूस यूक्रेन पर आक्रमण बोल सकता है। इस लिए अमेरिकियों को पूर्वी यूरोपीय देश तुरंत छोड़ देना चाहिए। केनबरा में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने रूस व चीन की गहरी होती दोस्ती पर विस्तार से चर्चा की।
आस्ट्रेलिया के मेलबर्न से ब्लिंकन ने कहा, जिस तरह यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। हमें खतरे के संकेत साफ दिख रहे हैं। हमें लगता है कि आक्रमण किसी भी वक्त हो सकता है और ऐसा खासतौर पर बीजिंग ओलंपिक के दौरान ही होगा। ऐसे में सभी अमेरिकी नागरिकों को तुरंत यूक्रेन छोड़ने का सुरक्षा अलर्ट जारी किया जाता है। हालांकि ब्लिंकन ने इस अलर्ट के पीछे की कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है। रूस के करीब एक लाख सैनिक यूक्रेन की सीमा पर पहुंच चुके हैं। हालांकि रूस दावा कर रहा है कि उसका आक्रमण का कोई इरादा नहीं है। वह केवल चाहता है कि पश्चिमी देश यूक्रेन और अन्य सोवियत देशों को नाटो से बाहर रखे।