आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को लेकर भारत को अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिका ने चीन को सख्त चेतावनी दी है कि वह मसूद अजहर के लिए ढाल न बने यही नहीं, इस आतंकी पर ग्लोबल बैन लगाने के लिए अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में नया प्रस्ताव भी लाने जा रहा है। बता दें कि UNSC में इसके पहले लाए गए प्रस्ताव में चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए मसूद अजहर को बचा लिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स से ऐसी खबर भी आ रही है कि अमेरिका अब चीन को दरकिनार करते हुए फ्रांस और ब्रिटेन से मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर बात करेगा चीन पर दबाव डालने के लिए एक कमिटी भी बनाई जा सकती है।
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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा, 'इसके पहले मसूद अजहर के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर 9 देशों ने साथ दिया था लेकिन, चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर लिया और प्रस्ताव खारिज हो गया। अब अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर जो प्रस्ताव बनाया है, उसे UNSC के सभी 15 सदस्यों को दिया गया है।
फिलहाल सदस्य देशों से सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है। अगर ये प्रस्ताव पर देशों की सहमति बनती है तो मसूद अज़हर पर ट्रैवल बैन, संपत्ति सीज़ होना जैसी कई कार्रवाई हो सकती हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में चीनी मिशन ने ड्राफ्ट प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद कई देश भारत के साथ खड़े हुए थे वहीं, फ्रांस एक कदम आगे बढ़ते हुए मसूद अजहर के खिलाफ UNSC में प्रस्ताव लेकर आया था लेकिन, चीन ने उसे बचा लिया चीन UNSC का स्थायी सदस्य है, यही कारण है कि उसके पास वीटो पावर है। इसी के चलते वह किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने की क्षमता रखता है। मसूद अजहर के मामले में चीन ने चार बार ऐसा किया है।