अरुणाचल प्रदेश में 17 साल के बच्चे का अपहरण करने वाला चीनी ड्रैगन अब सीनाजोरी करने पर उतारू हो गया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि जांगनान (अरुणाचल प्रदेश) शिजांग का दक्षिणी हिस्सा है। चीनी प्रवक्ता ने अपहरण को मानने की बजाय कहा कि चीन की सेना पीएलए कानून के मुताबिक काम करती है और अवैध प्रवेश तथा जाने को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई करती है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा उनका देश अरुणाचल प्रदेश पर भारत के अवैध अतिक्रमण का हमेशा से ही विरोध करता रहा है। चीन ने खुलकर नहीं माना कि उसने भारतीय नागरिक का अपहरण किया है। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश से 17 साल के भारतीय बच्चे के अगवा होने के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। पहले ऐसी रिपोर्ट्स आई थी कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले से 17 वर्षीय एक किशोर का कथित तौर पर अपहरण कर लिया है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएलए सीमाओं की रखवाली करती है और अवैध प्रवेश या निकास की गतिविधियों पर नकेल कसती है। इस बीच भारतीय सेना ने भी बच्चे की तलाश के लिए चीनी सेना से संपर्क किया है और इलाके में खोजबीन को तेज कर दिया है। अरुणाचल प्रदेश से बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने बुधवार को कहा था कि पीएलए ने राज्य में भारतीय क्षेत्र के अपर सियांग जिले से 17 वर्षीय एक किशोर का अपहरण कर लिया है।
गाओ ने कहा था कि अपहृत किशोर की पहचान मिराम तरोन के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना ने सियुंगला क्षेत्र के लुंगता जोर इलाके से किशोर का अपहरण किया। उन्होंने मीडिया को बताया था कि पीएलए से बचकर भागने में कामयाब रहे तरोन के मित्र जॉनी यइयिंग ने स्थानीय अधिकारियों को अपहरण के बारे में जानकारी दी। पीएलए द्वारा तरोन के अपहरण के आरोप पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर यहां चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मुझे स्थिति की जानकारी नहीं है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया तब आई जब भारतीय सेना ने पीएलए से लापता किशोर का पता लगाने और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे वापस करने के लिए सहायता मांगी। सूत्रों ने बताया कि जब भारतीय सेना को तरोन के बारे में जानकारी मिली तो उसने हॉटलाइन के स्थापित तंत्र के माध्यम से तुरंत पीएलए से संपर्क किया और बताया कि एक व्यक्ति, जो जड़ी-बूटी इकट्ठा कर रहा था, अपना रास्ता भटक गया था और उसे ढूंढा नहीं जा सका है।