चीन के शियामेन शहर में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत ने सोमवार यानि 4 सितंबर को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है। मेजबान चीन के ना चाहते हुए भी आखिरकार ब्रिक्स के सभी पांचों सदस्य देशों ने पहली बार संयुक्त घोषणा पत्र में पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए मोहम्मद को इस्लामिक स्टेट में जारी हिंसा और अशांति फैलाने वाले आतंकी संगठनों की तरह माना है और उसकी पहचान की है। भारत ने इस मंच से सीमा पार आतंकवाद की चर्चा की थी।
ब्रिक्स देशों के साझा बयान में कहा गया है कि हम आतंकवाद के सभी प्रारूपों की घोर निंदा करते हैं और ब्रिक्स के सदस्य देशों के साथ-साथ दुनियाभर में कहीं भी होने वाले आतंकी हमलों की भर्त्सना करते हैं।
यहां यह बात गौर करने वाली है कि चीन और पाकिस्तान में सदाबहार दोस्ती है और कई मौकों पर चीन ने भारत की उन कोशिशों को झटका दिया है, जिसके तहत भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के चीफ अजहर मसूद को अतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की मांग की है।