भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 16वां दौर रविवार को भारत की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा मिलन स्थल पर शुरू हुआ. पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अलगाव के लिए बातचीत हो रही है. इस बार बातचीत का दौर कम से कम चार महीने के अंतराल के बाद हो रहा है. नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया था कि दोनों पक्ष एलएसी के साथ सीमा गतिरोध और निर्वाण पर चर्चा होगी. अधिकारी ने कहा कि बाकि समस्याओं का समाधान खोजने का केवल एकमात्र तरीका बातचीत है.
गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से अलग होने के बावजूद, दोनों सेनाओं के पास अभी भी लगभग 60,000 सैनिक हैं और लद्दाख थिएटर में आधुनिक हथियार तैनात हैं. रक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि 16वें दौर की बातचीत में देरी से पता चलता है कि दोनों पक्षों की स्थिति में कुछ मतभेद थे.
HT को यह भी पता चला है कि भारत बैठक के दौरान चीनी J-10 फाइटर जेट के नो-फ्लाई ज़ोन को तोड़ने और सीमा गतिरोध पर उड़ान भरने का मुद्दा उठाएगा. भारतीय राडार द्वारा लड़ाकू का पता लगाया गया था और भारतीय लड़ाकू विमानों को PLAAF लड़ाकू को रोकने के लिए लॉन्च किया गया था. भारत लद्दाख एलएसी के साथ 10 किलोमीटर लंबे नो फ्लाई ज़ोन सम्मेलन का सम्मान करने के लिए चीनी वायु सेना पर भी जोर देगा.